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खान की राह सुगम करने पहुंचे अमले का पत्थरों से सामना

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पलसाना. इलाके के खंडेलसर पंचायत के चिहाला गांव में खान मालिकों और ग्रामीणों के बीच चल रहे विवाद में नया रास्ता निकालने पहुंचे सरकारी अमले को विरोध का सामना करना पड़ा। ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए पुलिस ने चार लोगों को पकड़कर जीप में बैठा लिया। रास्ता निकालने के बाद पुलिस जब उन्हें ले जाने लगी तो वहां खड़े ग्रामीण और महिलाएं आक्रोषित हो गई। महिलाओं ने हाथों में पत्थर ले लिए। बाद में समझाइश से मामला शांत किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि नियमविरुद्ध खनन कर रहे लोगों को प्रशासन के अधिकारी राजनीतिक दबाव में लाभ पहुंचा रहे हैं। गांव की जनता की कोई मांग नहीं सुनी जा रही है। प्रशासन ने नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने तारबंदी से किया रास्ता बंद ग्रामीणों ने बताया कि चिहाला की पहाडिय़ों में खनिज विभाग ने दो खान आवंटन कर रखी है। लेकिन दोनों ही खान नियम विरुद्ध चल रही है। इसको लेकर ग्रामीणों ने एसडीएम और कलक्टर के साथ ही खनिज विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन देकर शिकायत भी की। ग्रामीणों का आरोप है कि इसके बाद भी अधिकारियों की ओर से शिकायत को लेकर कोई कार्रवाई नही की जा रही है। ऐसे में ग्रामीणों ने गांव की श्मशान भूमि से होकर खानों की ओर जाने वाले रास्ते को तारबंदी कर बंद कर दिया। ग्रामीणों ने श्मशान भूमि के तारबंदी कर पौधारोपण भी कर दिया। ऐसे में खानों की ओर जाने वाला रास्ता बंद हो गया। लीज धारकों की मांग पर दूसरा रास्ता निकालने पहुंचा अमला रास्ता बंद होने के बाद लीज धारकों ने तहसीलदार से दूसरा रास्ता निकलवाने का आग्रह किया। इस पर तहसीलदार ने आदेश करवा लिए। ऐसे में शुक्रवार को पलसाना नायब तहसीलदार विपुल चौधरी, रानोली थानाधिकारी पुलिस जाब्ते के साथ दूसरा रास्ता निकलवाने के लिए पहुंचे। इस दौरान सरकारी जमीन से नया रास्ता तैयार किया जा रहा था, तभी ग्रामीणों ने इसका विरोध जताना शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने चिहाला निवासी ओमप्रकाश, जयपालसिंह, हनुमानपुरा निवासी अखिलेश व मुकेश सहित चार लोगों को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर गाड़ी में अपनी गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद ग्रामीण एकबारगी शांत हो गए और प्रशासन ने खानों की ओर जाने के लिए नया रास्ता तैयार करवा दिया। बाद में जब पुलिस शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए लोगों को लेकर जाने लगी तो ग्रामीण एवं उनके परिवार की महिलाएं अधिकारियों की गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई। महिलाओं ने हाथ में पत्थर ले लिए और गांव के युवकों को शांतिभंग में गिरफ्तार करने का विरोध जताने लगी। इस दौरान करीब बीस मिनट तक महिलाएं खान विभाग की गाड़ी के आगे खड़ी रहकर विरोध जताती रही। बाद में पुलिस ने समझाइस कर महिलाओं को शंाति करवाया। हालांकि बाद में महिलाओं ने पुलिस व प्रशासन की गाडिय़ों को तो निकाल दिया। लेकिन लीज धारक की एक गाड़ी के सामने आकर खड़ी हो गई और काफी देर तक विरोध जताती रही और पकड़े गए युवकों को छोडऩे की मांग की। लेकिन पुलिस ने पकड़े गए युवकों को जमानत के बाद ही छोडऩे की बात कही और थाने लेकर चली गई। इसके बाद ग्रामीण भी मौके से चले गए। ग्रामीणों ने लगाए आरोपग्रामीणों ने बताया कि दोनों लीज राजनैतिक दबाव के चलते अवैध रूप से संचालित हो रही है। अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कार्रवाई करने के बजाय ग्रामीणों के खिलाफ ही कार्रवाई कर रहे है। दोनों लीजों की गहराई नियमों से अधिक हो गई है और ना ही लीज धारक लीज संचालन के अन्य नियमों को पूरा कर रहे हैं। लेकिन शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नही हो रही है। ग्रामीणों ने मामले को लेकर जल्द कोई ठोस कार्रवाई नही होने पर उग्र आन्दोलन की चेतावनी दी है। इनका कहना है…रास्ता बंद होने के बाद लीज धारकों की ओर से रास्ते के लिए आवेदन किया गया था। इसके बाद तहसीलदार की ओर से रास्ते के आदेश के बाद नया रास्ता बनवाया गया है। पुलिस और खनन विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में नया रास्ता तैयार करवा दिया गया है। विपुल चौधरी, नायब तहसीलदार पलसाना

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