Aajkal Rajasthan news , Sikar _महरोली निवासी निशा कंवर के संघर्ष की कहानी।सीकर. महरौली गांव की दिव्यांग बेटी निशा कंवर। शारीरिक दुर्बलता को मात देकर अंतरराष्ट्रीय शूटिंग चैंपियनशिप में दो स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया। कहते है दिल में मंजिल हासिल करने का जज्बा हो तो मनुष्य शारीरिक बाधाओं को भी पछाडकऱ कीर्तिमान स्थापित कर सकता है। ऐसा ही कर दिखाया है श्रीमाधोपुर उपखंड के महरौली गांव की निशा कंवर ने। निशा ने यूरोप महाद्वीप में क्रोशिया देश के ओसिजेक शहर में पैरा ओलंपिक स्पोट्र्स वल्र्ड शूटिंग चैंपियनशिप ओसिजेक 2019 में 10 मीटर एयर पिस्टल की एकल व डबल दोनों स्पद्र्धाओं में स्वर्ण पदक हासिल किया। निशा अब नौ अक्टूबर से ऑस्ट्रेलिया में होने वाली वल्र्ड शूटिंग चैंपियनशिप में भाग लेगी। यूं तय हुई मंजिल एक साल की कड़ी मेहनत ने निशा को इस मुकाम तक पहुंचा दिया। क्रोशिया के ओसिजेक शहर में आयोजित इस चैंपियनशिप से एक साल पहले निशा के पिता जितेंद्र सिंह शेखावत ने अजमेर सीआरपीएफ में इंस्पेक्टर पद पर ज्वाइंन किया था। शूटिंग में जाने की प्रेरणा निशा को उसके जीजा नेशनल शूटर डॉ. रघुवीर सिंह राठौड़ से मिली। निशा जन्म से ही सेरबल पाल्सी (मांसपेशियों में खिंचाव) की बीमारी से ग्रसित है। ग्रेजुएशन व पीजीडीसीए तक पढ़ाई करने के बाद निशा कंवर ने तीन साल पहले ही शूटिंग में जाने का मन बनाया। उसने गांव में रहकर ही हथेली पर ईंट रखकर शारीरिक बेलेंस बनाने का अभ्यास शुरू किया। इसके लिए उसने घंटो तक मेहनत की। निशा की उपलब्धि निशा ने मार्च 2018 में अजमेर की करणी शूटिंग रेंज एकेडमी में दाखिला लिया। यहां सात से आठ घंटे की कड़ी मेहनत एवं अभ्यास करते हुए निशा ने जुलाई 2018 में आयोजित करणी शूटिंग रेंज अजमेर से जिला स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में पहला स्वर्ण पदक जीता। इसके बाद तो निशा ने कभी पीछे मुडकऱ नहीं देखा और पदकों पर निशाने लगाए। उसने जयपुर में राज्य स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता में दूसरा स्वर्ण पदक, मद्रास में प्री-नेशनल चैंपियनशिप में तीसरा स्वर्ण पदक जीता। उसके बाद त्रिवेंद्रम में आयोजित नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में रजत पदक हासिल किया था।
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