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बांसवाड़ा अस्पताल में सोनोग्राफी के लिए एक ही डाक्टर तैनात, अवकाश पर जाने से जांच बंद, मरीजों के हाल-बेहाल

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बांसवाड़ा. भ्रूण हत्या सरीखे जघन्य पाप को रोकने के लिए सरकार ने सख्ती बरती और कानून बनाया, लेकिन इसके तहत महात्मा गांधी अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन चलाने के लिए एक ही चिकित्सक का पंजीयन परेशानी का सबब बन गया और इसका खमियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। दरअसल, महात्मा गांधी चिकित्सालय में सोनोलॉजिस्ट डॉ राजीव गौतम के अवकाश में होने के कारण 8 अगस्त से अस्पताल में सोनोग्राफी नहीं हो पा रही है। अस्पताल में यह सुविधा न मिल पाने के कारण मरीजों को निजी जांच केंद्रों की ओर रुख करना पड़ रहा है। जहां मरीज 700 या उससे ज्यादा का भुगतान कर जांच करवाने को मजबूर हैं। सूत्रों की माने तो चिकित्सालय में रोजना तकरीबन 50 सोनोग्राफी होती है और इनमें औसतन 20 से 30 गर्भवतियों की जांच होती है।
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यह है नियमबांसवाड़ा के पीसीपीएनडीटी समन्वयक हरिकांत शर्मा ने बताया कि लिंगपरीक्षण को रोकने के लिए सख्त नियम बनाए गए। इसके तहत सोनोग्राफी मशीन पर सिर्फ वही चिकित्सक जांच कर सकता है, जिसका पंजीयन उस मशीन के नाम पर हो। दूसरा कोई चिकित्सक उस मशीन पर बिना पंजीयन जांच नहीं कर सकता है। शर्मा ने बताया कि एक चिकित्सक अधिकतम दो मशीनों पर जांच कर सकता है और एक मशीन पर एक से अधिक चिकित्सक जांच कर सकते हैं बशर्ते उनका पंजीयन किया गया हो। चंूकि एम जी में एक ही चिकित्सक का पंजीयन है और ऐसे में उनके अवकाश पर जाने के साथ मशीन बंद हो जाती है।
गायनिक डॉक्टर कर सकता है जांचमहात्मा गांधी चिकित्सालय के गायनिक विभाग इंचार्ज डॉ. ओपी उपाध्याय ने बताया कि गायनिक चिकित्सक को सोनेाग्राफी के बारे में जानकारी दी जाती है और वो सोनोग्राफी की जांच कर सकता है। सूत्रों की माने तो गत वर्षों में कुछ चिकित्सकों का पंजीयन सोनोग्राफी जांच के लिए किया गया था। लेकिन उस समय चिकित्सकों ने यह कहकर अपनेनाम वापस ले लिए थे कि उनके अध्ययनकाल के समय सोनोग्राफी के बारे में नहीं पढ़ाया गया था।
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आंकड़ों की नजर में50 – सोनेाग्राफी रोज होती है एमजी अस्पताल में08- अगस्त से बंद है मशीन01 – चिकित्सक का ही है पंजीयन08 – प्रसूति रोग विशेषज्ञ है अस्पताल में700 – या इससे अधिक रुपए देकर निजी संस्थानों में करानी पड़ रही है जांच
इनका कहना हैसोनोग्राफी बंद है। गर्भवतियों की जांच अगर नहीं की जा रही है तो इंचार्ज से बात कर वैकल्पिक व्यवस्था करना जरूरी है। भविष्य में दिक्कत न आए इसकी व्यवस्था की जाएगी।डा. नंदलाल चरपोटा, पीएमओ

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