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उद्योगपतियों के पाइप लाइन से जन्मे प्रधानमंत्री ने साबित कर दिया- Srinivas BV

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सरकार नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (एनएमपी) के जरिए छह लाख करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी कर रही है और देश पर लंबे अरसे तक शासन करने वाली कांग्रेस, मोदी सरकार की इस योजना का विरोध कर रही है और जोरदार विरोध कर रही है.
मोदी सरकार का कहना है कि एनएमपी यानी नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन के तहत परियोजनाओं या परिसंपत्तियों का मालिकाना हक एक निश्चित समय अवधि के लिए निजी हाथों को दिया जाएगा. लेकिन उन्हें बेचा नहीं जाएगा. उसका मालिकाना हक भारत सरकार के पास ही होगा.
इन परिसंपत्तियों को इस्तेमाल करने के लिए निजी कंपनियों को लीज पर दिया जाएगा. जिसका वह इस्तेमाल कर उससे मुनाफा कमाएंगे और समय अवधि खत्म हो जाने के बाद उसे फिर से सरकार को वापस कर देंगे. इसके बदले उन्हें सरकार को पैसे देने होंगे, ऐसा मोदी सरकार का कहना है.
इससे सरकार को एक निश्चित रकम बदले में मिलेगी. लेकिन जब तक यह संपत्ति लीज पर रहेगी तब तक सरकार उसका इस्तेमाल नहीं कर पाएगी. सरकार की नजर सड़क, रेलवे और बिजली विभाग पर सबसे अधिक है. एनएमपी परियोजना के तहत जितने पैसे मिलने की उम्मीद है उसका 66% तो इन्हीं क्षेत्रों से मिल सकता है.
सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है
सरकार की यह राह इतनी आसान नहीं है. कई दिक्कतें दिखाई दे रही है. सरकार की नीति कई मुद्दों पर स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही है. बिजली घरों की क्षमता को लेकर विवाद हो सकता है. पैदा हुई बिजली किस दर पर बेची जाए इस पर विवाद हो सकता है, क्योंकि कुछ भी तय नहीं है. गैस व पेट्रोल-डीजल पाइप लाइन की छमता कितनी होगी और वह कितना काम करेंगी इस पर विवाद हो सकता है.
कुछ दिन पहले निजी ट्रेन परियोजना का ऐलान हुआ था लेकिन उसमें किसी ने अधिक दिलचस्पी नहीं ली थी. कोंकण रेल में केंद्र सरकार के अलावा राज्य सरकार भी है, कई निजी कंपनियां भी हैं. उनके विचार अलग-अलग हो सकते हैं. विपक्ष मोदी सरकार की इस योजना पर लगातार हमलावर है. राहुल गांधी ने इसको लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है. राहुल की तरफ से कहा गया है कि 75 साल में जो भी भारत सरकार ने संपत्ति बनाई थी वह सब कुछ मोदी सरकार अपने 2-3 उद्योगपति मित्रों के हाथों बेच रही है.
इसी को लेकर यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बीवी ने ट्विटर के माध्यम से मोदी सरकार पर निशाना साधा है. यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, किसी ने सच ही कहा था, अगर औलाद नाकारा निकले तो बारी-बारी अपने पुरखों की जमीन जायदाद सब कुछ बेच देती है. आज, उद्योगपतियों की पाइपलाइन से जन्मे प्रधानमंत्री ने ये साबित भी कर दिया.

किसी ने सच ही कहा था:-
“अगर औलाद नाकारा निकले तो बारी-बारी अपने पुरखों की जमीन जायदाद सब कुछ बेच देती है..!”
आज, उद्योगपतियों की पाइपलाइन से जन्मे प्रधानमंत्री ने ये साबित भी कर दिया..
— Srinivas BV (@srinivasiyc) August 24, 2021

इसके अलावा आपको बता दें कि सोशल मीडिया पर पूछा जा रहा है कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और 2014 में अपनी पार्टी के लिए और अपनी प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव प्रचार कर रहे थे, उस समय उन्होंने नारा दिया था “मैं देश नहीं बिकने दूंगा” तो यह नारा था या चेतावनी?
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