सीकर.
शेखावाटी के सबसे बड़े अस्पताल ( SK Hospital Sikar ) की लापरवाही सामने आने के बाद प्रशासन हरकत में आ गया। अस्पताल में मरीजों का खून कुत्ते पी रहे है खबर प्रकाशित होने के बाद सुबह लैब व आसपास जगहों की सफाई कराई। पीएमओ अशोक चौधरी ( PMO Ashok Choudhary ) ने पूरे मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई है। उन्होंने अस्पताल में लगे हुए पिछले तीन से पांच दिनों के सीसीटीवी कैमरे ( Cctv Camera ) में खंगालने के आदेश दिए है। वहीं पीएमओ अशोक चौधरी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के पिछले गेट से आकर लोग कचरा डाल कर जाते है। उन्होंने कहा कि अस्पताल के आसपास काफी मेडिकल स्टोर और अस्पताल बने हुए है। उन्होंने कहा कि लैब से निकलने वाला बायोवेस्ट सही तरीके से ही निस्तारण कराते है।
उन्होंने कहा कि लोग लाल और नीले रंग की पॉलीथीन में कचरा लेकर डाल जाते है। पत्रिका ने अस्पताल के आसपास काफी लोगों से पूछताछ की। हकीकत यह है कि अस्पताल के पास दवाईयों की दुकानें है और दो-तीन क्लीनिक बने हुए है। इन अस्पतालों से इतनी मात्रा में लैब की वॉयल ( Laboratory in SK Hospital ) नहीं आ सकती है। साथ दवाईयों की दुकानों से भी दवाइयों के रैपर ही आते है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अस्पताल की लैब से यह वॉयल नमूने ( Blood Sample of Patients ) नहीं आए है तो कहां से आए है। फुटेज में साफ नजर आ रहा है कि वॉयल डालने कोई व्यक्ति नहीं तैयार करने के लिए कहा है। जांच कमेटी में डा.मितेश सागर, डा. ऊ षा मिश्रा, केयर टेकर मामराज, नर्सिग अधीक्षक सुरेश शर्मा, लैब टेक्निशियन महेश वर्मा को शामिल कर कमेटी बनाई है।
बायोवेस्ट ( Bio West ) के निस्तारण की जिम्मेदारी डा.मितेश सागर के पास है। डा.ऊषा मिश्रा लैब की प्रभारी है। अस्पताल के केयर टेकर मामराज है और अस्पताल में सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रखने और अव्यवस्थाओं को देखने की जिम्मेदारी नर्सिंग अधीक्षक सुरेश शर्मा पर है। पीएमओ डा.अशोक चौधरी ने बताया कि जांच कमेटी तीन में पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौपेंगी। उन्होंने बताया कि जांच कमेटी सभी पहलुओं को देखते हुए जांच करेगी।
जानिए पूरा मामला: Exclusive: राजस्थान के इस बड़े सरकारी अस्पताल में मरीजों का खून पीकर खूंखार हो रहे कुत्ते !निरीक्षण में दवाइयों के खाली पैकेट व ब्लड पाउच मिलेअस्पताल प्रबंधन ने सुबह लैब और मोर्चरी के पास निरीक्षण किया। इस दौरान वहां पर काफी संख्या में दवाइयों के खाली पैकेट पड़े मिले। वहां पर ब्लड के खाली पाउच भी पड़े हुए मिले। पीएमओ ने कहा कि ये दवाइयों के पैकेट अस्पताल के नहीं है,क्योंकि ऐसी दवाइयों अस्पताल में सप्लाई नहीं होती है। साथ ही वहां पर किसी को रक्त चढ़ा खाली पाउच भी फैंक रखे थे। उन्होंने बताया कि वह भी कहीं ओर से लाकर डाले गए है।
आउटडोर में रोजाना दो हजार से ज्यादा मरीजएसके अस्पताल में रोजाना दो हजार से ज्यादा मरीज आउटडोर में आते हैं। साथ ही तीन सौ से ज्यादा मरीज भर्ती रहते हैं। ऐसे में अस्पताल में लैब से निकलने वाले बॉयावेस्ट का सही निरस्तारण नहीं होने से लोगों में संक्रमण फैलने का हर समय खतरा बना रहता है। खास बात यह है कि आम आदमी के लिए घातक बॉयोवेस्ट के निस्तारण के लिए लैब के हर व्यक्ति को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसके अलावा स्टोर रूम से रोजाना बॉयावेस्ट के लिए एक विशेष प्रकार का बॉक्स भी दिया जाता है। इसके बाद लैब में ऐसी गंभीर लापरवाही बरती जा रही है।क्या है मामलाएस के अस्पताल में लैब के बाहर जांच के बाद नमूनों को फैंक दिया गया। नमूनों से भरी पॉलिथीन को देखकर श्वान आ गए। आपस में लड़ते हुए उन्होंने पॉलिथीन फाड़ डाली। इसके बाद खून के नमूनों की बॉयल को तोड़ कर चाटने लगे। इन नमूनों को अस्पताल में भर्ती मरीजों का खून बीमारियों के टेस्ट के लिए लिया जाता है। ये जांच के लिए लैब में भेज दिए जाते है। लैब में रोजाना डेढ़ सौ से अधिक मरीजों का खून सैंपल के लिए लिया जाता है। इसके बाद कुछ गंभीर बीमारियों का सैंपल टेस्ट के लिए जयपुर भी भेजा जाता है और अन्य बीमारियों के लिए सैंपल का लैब में ही टेस्ट किया जाता है।
गार्डं की श्वानों को भगाने की जिम्मेदारीअस्पताल में खूंखार श्वान घूमते रहते है। वे खुले में अस्पताल अलग-अलग यूनिट में चले जाते है। ऐसे में पीएमओ ने सिक्योरिटी हैड को बुलाकार फटकारा। उन्होंने कहा कि अस्पताल में श्वान नजर आते है तो उन्हें खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अस्पताल में लगे हुए सीसीटीवी फुटेज में देखकर गार्डों को नियमित चैक करने की बात कहीं।
अस्पताल के बाहर कचरे में मिले खून के सैंपल मामले की अब होगी जांच, PMO ने दिए आदेश
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