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8 साल के बेटे को ढूंढ़ने माता-पिता 40 दिन तक करते रहे गुहार, जीएम के दौरे से पहले नाले की सफाई कराई तो निकला शव

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Aajkal Rajasthan/सीकर. यह एक माता-पिता के दर्द की इंतेहा है। 40 दिन पहले पतंग उड़ाने उनका आठ साल का बेटा घर से निकला था लेकिन वापस नहीं लौटा।

पिता ने कोतवाली थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। गुरुवार को जीएम के आगमन की तैयारियों को लेकर रेलवे ने अरसे बाद राधाकिशनपुरा अंडरपास के नजदीक स्थित नाले की सफाई कराई तो उसमें बच्चे का शव मिला।

बंजाराम 12 महीने पहले गांव से यहां मजदूरी के लिए आए थे। वे स्टेशन के माल गोदाम के पास झुग्गी झोपड़ी में रहते थे। 26 दिसंबर को बेटा गणेश पतंग उड़ाने घर से निकला था। शाम तक घर नहीं लौटा तो माता-पिता ने उसको तलाश किया। नहीं मिला तो कोतवाली में 6 जनवरी को गुमशुदगी दर्ज करवाई। कोतवाल कन्हैयालाल का कहना है कि पुलिस इस नाले के पास भी तलाशी लेकर गई थी। उस दौरान बच्चे का शव नहीं दिखा।

गुरुवार को जीएम के दौरे से पहले नाले की सफाई करा रहे रेलवे कर्मचारियों को नाले में बच्चे का हाथ तैरता दिखा। इस पर पुलिस को सूचना दी गई। आपदा प्रबंधन की टीम को मौके पर बुलाया गया और बच्चे का शव निकाला।

मां बोली, इतने दिन कहां थी पुलिस

शव की शिनाख्त के लिए मां अाैर पिता काे बुलाया गया। देखकर मां गश खाकर गिर गई। उसने पुलिस से कहा कि-इतने दिन कहां थे, आज बेटे का शव दिखाने के लिए बुलाया है।

मामला बिगड़ता देख नगर परिषद कर्मचारी बच्चे का शव कचरा उठाने वाली गाड़ी में डाल एसके अस्पताल ले गए। शव काे माेर्चरी में रखवाया गया है।

लापरवाह सिस्टम रेलवे : स्टेशन के पास ही पटरियों के निकट भरने वाली पानी को निकालने के लिए ढाई साल पहले 8 फीट गहरा नाला बनाया, लेकिन इसे ढंका नहीं। ढाई साल में एक बार भी नाले की सफाई नहीं हुई। नाला आधे से ज्यादा कचरे से भर गया। इसी में डूब गया गणेश।

पुलिस : रिपोर्ट दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने एक बच्चे की गुमशुदगी को हल्के में लिया। खानापूर्ति के तौर पर नाले के आस-पास ढूंढा। पुलिस एक मासूम की जान की कीमत समझती और रेलवे से बात करती तो शायद यह सफाई पहले हो जाती।

नगर परिषद : रेलवे कॉलोनी और नजदीक की सिविल कॉलोनी का पानी भी इसमें आता है। रेलवे की जमीन पर परिषद ट्रैक्टर लगाकर पानी काे पीएमओ क्वाटर की गली में पंपिंग करती है। लेकिन स्थाई समाधान के लिए रेलवे और परिषद के स्तर पर कुछ नहीं हुआ।

बच्चे के शव को कचरे की गाड़ी में डालकर अस्पताल पहुंचाया गया।

8 साल के गणेश के शव की भी बेकद्री की गई।

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