सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में गांवों की सरकार का चुनौतियों से आज सामना आज होगा। जिला परिषद के नए बोर्ड की पहली साधारण सभा की बैठक शुक्रवार सुबह 11.15 बजे जिला परिषद सभागार में होगी। जिला प्रमुख गायत्री बाजौर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में पानी, सार्वजनिक निर्माण विभाग, चिकित्सा, श्रम सहित अन्य विभागों के मुद्दों को लेकर हंगामा होने के पूरे आसार है। 62 साल के जिला परिषद के इतिहास में बोर्ड बैठक में सियासत व कोरोना की वजह से बहुत कुछ बदला हुआ नजर आएगा। कांग्रेस के सदस्यों ने सत्ता पक्ष को घेरने के लिए रणनीति तैयार की है। इधर, भाजपा सदस्य कई मुद्दों पर राज्य सरकार को घेरने के मूड में है। शुरूआत में महीनों बाद मिलन पर माननीयों में रामा-श्याया का दौर चलेगा। इसके बाद मुद्दों को लेकर सियासी तीर भी सामने आएंगे। बैठक में शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी शिरकत करेंगे।
कोरोना का साया: मास्क में दिखेंगे माननीयजिला परिषद प्रशासन की ओर से कोरोना गाइडलाइन की पालना कराते हुए बैठक की जाएगी। इसके लिए सभी माननीय सदस्यों को मास्क लगाकर आना होगा। सभागार में बैठक व्यवस्था में भी थोड़ा बदलाव किया गया है।
सियासत: 21 साल में सबसे ज्यादा मुद्दे उठाने वाले धायल इस बार नए अंदाज मेंजिला परिषद की साधारण सभा की बैठकों में पिछले 21 साल से लगातार जिम्मेदारों को घेरने वाले सियासी दिग्गज ताराचंद धायल इस बार बदले हुए मूड में नजर आएंगे। वजह है कि इस बार धायल को उप जिला प्रमुख की कमान मिल गई है। हालांकि वह पिछले कई दिनों से जिलेभर की ग्राउण्ड रिपोर्ट जुटाने में लगे हुए है। ऐसे में वह विभिन्न मुद्दों के जरिए सिस्टम को आईना दिखाएंगे।
आधी दुनिया: पहली बार आधे से ज्यादा हक
जिला परिषद में पहली बार महिला सदस्यों की सबसे ज्यादा है। ऐसे में महिलाओं के मुद्दों को लेकर भी आवाज उठना तय है। महिला एवं बाल विकास की योजनाओं को कई सदस्यों में नाराजगी है। सदस्यों का कहना है कि आंगनबाड़ी केन्द्रों के बच्चों को पढ़ाई के लिए विभाग की ओर से कुछ खास नहीं किया गया है। इसके अलावा बच्चों व गर्भवती महिलाओं को अवधिपार सामग्री बांटने का मामला भी चर्चा में रहेगा।
इन मुददों पर हंगामे के आसार:पेयजल: 250 गांव व 150 ढाणियों में पेयजल समस्याजिले के 250 गांव 150 ढाणियों में पेयजल को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। इसके बाद भी जलदाय विभाग ने अभी तक टैंकर सप्लाई शुरू नहीं की है। इस कारण लोगों में जलदाय विभाग के खिलाफ काफी आक्रोश है। पंचायत समितियों की बैठकों में पानी का मुद्दा छाया हुआ है।
श्रम विभाग: बेटियों को नहीं मिल रहा हक
श्रम विभाग की योजनाएं लगातार विवादों में है। श्रमिकों को बेटियों की शादी के लिए समय पर पैसा नहीं मिल रहा है। नगर परिषद सभापति से लेकर अन्य जनप्रतिनिधि संभागीय आयुक्त से लेकर जिला कलक्टर की बैठकों में मिलीभगत के आरोप लगा चुके है। लेकिन अभी व्यवस्था में सुधार नहीं हुआ है।
सार्वजनिक निर्माण: टूटी सड़क दे रही दर्दजिलेभर में टूटी सड़क गहरा दर्द दे रही है। सड़क निर्माण में लापरवाही की वजह से कई स्थानों पर हादसे हो रहे हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार अफसर नहीं चेत रहे हैं। इस मामले को लेकर भी पंचायतीराज विभाग के जनप्रतिनिधियों में काफी आक्रोश है।
चिकित्सा: निरीक्षण में सामने आ चुका है सच
चिकित्सा विभाग के कई स्वास्थ्य केन्द्रों को खुद उपचार चाहिए। अधिकारियों के निरीक्षण में कई बार इंतजामों की पोल चुकी है। कही रात को स्टाफ नहीं मिलता तो कही स्टाफ ही नहीं है। इस तरह की शिकायत लगातार जनप्रतिनिधियों की ओर से की जा रही है। जिला मुख्यालय स्थित जनाना अस्पताल भी प्रसूताओं के नाम पर पैसे मांगने के मामले में सुखिर्यो में है।
विद्युत निगम: चुपके-चुपके बढ़ा दी बिजली दरविद्युत निगम की ओर से कोरोनाकाल में दो बार बिजली की दरें बढ़ाने के मामले में आमजन में काफी आक्रोश है। बिजली की दर बढऩे से आम आदमी के घर का बजट बिगाड़ गया है। जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक में बिजली दर बढ़ोतरी के मामले में भी हंगामा होने के आसार है।
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