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खुद सामान लाकर चिकित्सक ने पांच दिन में खोल दिया कोविड अस्पताल, सुविधाएं देख हर कोई दंग

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सीकर. कोरोना वायरस जितनी तेजी से शरीर में फैलकर फेफडों को खराब कर देता है उसी तरह सरकारी सिस्टम को भी कोरोना को हराने के लिए जुनून से जुटना होगा। सीकर जिले में लगातार कोरोना मरीज बढ़े तो सांवली अस्पताल में बेड मिलना मुश्किल हो गया। ऐसे में प्रशासन ने सीकर के जाजोद में नया अस्पताल शुरू करने की योजना बनाई। लेकिन इसे शुरू करना किसी बेहद चुनौतीभरा काम था। यह कहना है कि जाजोद कोविड वार्ड के प्रभारी डॉ. राजीव ढाका का। उन्होंने महज पांच दिन में खुद दिल्ली से सामान लाकर कोविड अस्पताल शुरू करवा दिया है। यह पहल प्रदेश के नए कोविड अस्पतालों के लिए एक मिसाल है। खास बात यह है कि यहां मरीजों की सुविधा के लिए यहां कई तरह के नवाचार किए है। बकौल डॉ. ढाका सबसे पहली चुनौती कोविड वार्ड में ऑक्सीजन पाइप लाइन की फीटिंग कराने की थी। पहले दिन पूरे प्रदेश में कई जगह कई कंपनियों से सम्पर्क किया लेकिन कोई राजी नहीं हुआ। ऐसे में जालन्धर के कारीगरों से सम्पर्क किया। उन्होंने कोविड को देखते हुए आने से मना कर दिया। ऐसे में चिकित्सक ने खुद अपनी गाड़ी भेजकर जालन्धर से गाड़ी व सामान मंगवाया। कारीगरों ने ही दिन-रात मेहनत कर महज तीन दिन में वार्ड में ऑक्सीजन पाइप की फिटिंग कर दी।
सामान के लिए गली-गली भटके, नहीं मानी हारडॉक्टर राजीव ढाका व राधेश्याम मौर्य दिल्ली में कोविड अस्पताल की सामग्री के लिए खूब भटके। देशभर में मेडिकल सामग्री की मांग बढऩे की वजह से कई व्यापारियों से अनुनय-विनय भी करना पड़ा। आखिर में अपने ही वाहन की सभी सीटें खोलेकर सीकर तक सामान ले आए।
हर वार्ड में 55-55 इंच की एलईडीजाजोद कोविड अस्पताल में मरीजों की नियमित रुप से धर्म-सत्संग व योग की क्लास भी लगेगी। डॉ. ढाका ने बताया कि इस दौर में मरीजों का हौसला बढ़ाने की बेहद आवश्यकता है। इसलिए कोविड वार्ड में 55-55 इंच की एलईडी भी लगाई गई है। वहीं कोरोना को हराने वाले लोगों की सक्सेज स्टोरी भी स्लाइड के जरिए मरीजों को रोजाना दिखाई जाएगी।
पहले दिन ही दस मरीज हुए भर्तीअस्पताल का उद्घाटन होने के कुछ देर बाद ही जाजोद कोविड अस्पताल में दस मरीज भर्ती हो गए। फिलहाल 30 बेड से अस्पताल शुरू किया गया है। यदि अस्पताल को नियमित रुप से पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन व इंजेक्शन सहित अन्य दवाएं मिली तो जल्द अस्पताल की क्षमता को 50 किया जाएगा।
मंत्री नहीं देते पैसा तो सपना रह जाता अधूराचिकित्सक का कहना है कि शिक्षा मंत्री ने अपने कोटे से कोविड अस्पताल के लिए लगभग 35 लाख रुपए का बजट दिया है। यदि समय पर बजट नहीं मिलता तो इतना जल्दी अस्पताल शुरू करना शायद मुश्किल था। उन्होंने बताया कि मंत्री हर दिन लगभग चार बार बातचीत कर अस्पताल की व्यवस्थाआओं को लेकर अपडेट लेते। इनकी पहल को जिला कलक्टर ने भी सराहा है।
जबकि दूसरे कोविड अस्पताल अभी तक नहीं हुए शुरूजिला कलक्टर ने जाजोद के अलावा जिले के चार ब्लॉकों में कोविड अस्पताल शुरू करने की स्वीकृति दी थी। लेकिन वहां अभी तक अस्पताल शुरू नहीं हो सके है। कई ब्लॉकों के अधिकारी अब ढाका की पहल को ही फॉलो करते हुए इंतजाम करने में जुट गए है।
जिले को मिलेगा फायदासांवली अस्पताल में बेड नहीं मिलने की वजह से कई बार मरीजों की एंबुलेंस में ही मौत हो चुकी है। अब ब्लॉकों में अस्पताल शुरू होने से सांवली अस्पताल का भार कम होगा।

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