सीकर.जिन स्कूलों में कक्षाओं के हिसाब से कमरे के मापदंड भी पूरे नहीं वहां भी निरीक्षण दलों ने मान्यता की अनुशंषा कर दी। इस तरह के घपले को अब शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने पकड़ा है। कई स्कूल तो ऐसे भी सामने आए है जहां विज्ञान विषय के लिए लैब आदि मापदंड पूरे नहीं थे। लेकिन जिम्मेदारों ने मान्यता देने की तैयारी कर ली थी। मान्यता की अनुशंषा करना अब जांच दलों के साथ जिला शिक्षा अधिकारियों को महंगा पड़ गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी ने जयपुर, नागौर, चूरू, अलवर सहित आठ जिलों के जिला डीईओ को नोटिस जारी किए है। दरअसल, प्रदेश में इस साल 3300 से ज्यादा स्कूलों ने कक्षा दसवीं व बारहवीं सहित अन्य कक्षाओं की मान्यता के लिए आवेदन किया था। इनमें से 550 से अधिक स्कूल ऐसे है जो मान्यता के मापदंड ही पूरे नहीं करते हैं। इस मामले में निदेशालय स्तर की ओर से अन्य फाइलों की भी जांच कराई गई। जांच में अनुशंषा के कायदों की पूरी तरह से पालना नहीं होने पर निदेशक ने नोटिस जारी किए है।
ऐसे पकड़ में आया घपलाशिक्षा निदेशक ने शैक्षिक गुणवत्त के हिसाब से पहले कुछ फाइलों को जांचा था। इनमें से कुछ फाइलों को देखते ही समझ आ गया कि मान्यता की अनुशंषा गलत की गई है, क्योंकि जो नियम है स्कूल की ओर से उनकी ही पूर्ति नहीं की जा रही। इस पर शिक्षा निदेशक ने सभी जिलों की फाइलों को मुख्यालय मंगवा लिया। यहां कई टीम लगाकर इनकी जांच कराई तो फर्जीवाड़ा सामने आया है। इन सभी स्कूलों की दुबारा से जांच भी पूरी हो चुकी है।
हर बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में रहती फाइलशिक्षा विभाग की ओर से ऑनलाइन पोर्टल के जरिए निरीक्षण दल व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की अनुशंषा के आधार पर मान्यता अनुमोदन व क्रमोन्नति के प्रकरणों का निपटारा किया जाता। इनकी फाइल भी संबंधित जिले में ही रहती। पहली बार विभाग की ओर से इन फाइलों को निदेशालय स्तर पर मंगवाया गया है।
कहां कितनी फाइलों में मिली गड़बड़ी:जयपुर: 161नागौर: 60चूरू: 57अलवर: 47सीकर: 41बीकानेर: 33
मापदंडों पर खरे नहीं, फिर भी अनुशंषा क्यों: निदेशकमान्यता के लिए स्कूलों के लिए आवेदन किया जाता है। इसके बाद विभाग की टीमों की ओर से उनके दावों की जांच की जाती है। यदि कही कमी मिलती है तो उसमें ऑब्जेशन लगाए जाते हैं। इस साल 550 ऐसे स्कूल सामने आए है जो मापदंडों पर खरे नहीं उतर रहे थे। इसके बाद भी अनुशंषा करना गलत है। सभी फाइलों को मुख्यालय मंगवाकर जांच कराई थी, इसमें यह तथ्य सामने आए है।सौरभ स्वामी, शिक्षा निदेशक
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