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टीसी व सीसी नहीं देने पर कोर्ट ने दिया स्कूल पर जुर्माना व मान्यता रद्द करने का आदेश

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सीकर. राजस्थान के सीकर जिले में एक विद्यार्थी को टीसी व सीसी प्रमाण पत्र नहीं देना एक स्कूल पर भारी पड़ गया है। स्थाई लोक अदालत ने टीसी व सीसी प्रमाण पत्र नहीं देने पर स्कूल को 14 दिन में प्रमाण पत्र देने के आदेश दिए है। कोर्ट ने मानसिक पीड़ा होने पर 5 हजार व खर्चा के 2500 रुपए भी 14 दिनों में देने के आदेश सुनाए है। 14 दिनों में रुपए नहीं देने पर जिला शिक्षा अधिकारी को भी मान्यता रद्द करने के आदेश भी दिए है। आदेश के मुताबिक यदि स्कूल की फीस बकाया है तो वह सिविल न्यायालय में वसूली के लिए दावा पेश करने के लिए स्वतंत्र है। स्थाई लोक अदालत अध्यक्ष अशोक कुमार व्यास व सदस्य विरेंद्र सिंह ने फैसला सुनाया है।
ये था मामलासीकर जिले के धोद कस्बे के झीगर छोटी गांव निवासी महेश कुमार पुत्र भींवाराम ने सनशााइन सीनियर सैकेंडरी स्कूल कटराथल के खिलाफ लोक अदालत में 22 जनवरी 2021 को याचिका पेश की थी। याचिका में उन्होंने बताया कि पुत्र कृष्ण सेवदा का बारहवीं व सचिन का दसवीं में प्रवेश दिलाया था। स्कूल में फीस जमा कर दोनों बेटों को पढ़ा रहे थे। कोरोना काल में स्कूल खुलने पर टीसी लेने गए तो काफी चक्कर लगवाए। बाद में टीसी देने से इंकार कर दिया। तब उन्होंने कलक्टर को भी शिकायत की। कलक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को टीसी जारी करवाने के आदेश भी जारी किए। इसके बावजूद दोनों छात्रों की टीसी जारी नहीं की गई। दोनों बच्चों के स्कूल प्रबंधन ने बोर्ड परीक्षा के फॉर्म भी नहंी भरवाए। वहीं स्कूल की ओर से कोर्ट में जवाब दिया कि महेश कुमार के दोनों बेटों की 2019-20 की फीस बकाया चल रही थी, जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा बीकानेर ने 9 अप्रेल 2020 को आदेश जारी किया था कि लॉकडाउन अवधि पूर्ण होने पर गैर सरकारी विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी टीसी चहते है तो उन्हें 2019-20 का शुल्क जमा कराना होगा। स्क्ूल ने बकाया फीस का रिकॉर्ड भी पेश किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद आदेश दिए कि फीस बकाया होने के आधार पर विद्यार्थी को अन्य स्कूल में प्रवेश के लिए टीसी व चरित्र प्रमाण पत्र से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने आदेश दिए कि स्कूल प्रबंधन टीसी व चरित्र प्रमाण पत्र 14 दिन में अंदर जारी करें और मानसिक पीड़ा और खर्च के 7500 रुपए 14 दिनों में अदा कर दें। जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश दिए कि 14 दिनों में आदेश की पालना नहीं होने पर स्कूल की मान्यता वापस लेने की कार्यवाही करें। कोर्ट ने लिखा कि यदि कोई फीस बकाया हैं तो उसकी वसूली के लिए महेश कुमार के खिलाफ सिविल न्यायालय में जाने के लिए स्वतंत्र है।

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