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SIT द्वारा चिन्मयानंद की पुलिस कस्टडी न मांगे जाने पर सवाल, पीड़ित लड़की की भी गिरफ्तारी संभव है

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एसआईटी ने लगभग 15 दिन की जांच के बाद चिन्मयानंद को गिरफ्तार कर लिया है, चिन्मयानंद की गिरफ्तारी शुक्रवार की सुबह उनके मुमुक्ष आश्रम से हुई है, जिसके बाद चिन्मयानंद को मेडिकल के लिए सबसे पहले हॉस्पिटल लेकर जाया गया. उसके बाद अदालत के सामने पेश किया गया.

अदालत से चिन्मयानंद को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह है कि शुरू से ही कई सवालों के घेरे में रही एसआईटी ने आखिरी तक चिन्मयानंद को मदद करने का रास्ता नहीं छोड़ा है.

एसआईटी द्वारा भाजपा नेता चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह पर संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज ना करके 376C का इस्तेमाल किया गया है, इसका मतलब यह होता है कि चिन्मयानंद के खिलाफ रेप का सीधा आरोप नहीं बनता यानी चिन्मयानंद उर्फ कृष्णपाल सिंह दोषी भी पाए जाते हैं तो उन्हें अधिकतम 5 साल की ही सजा होगी.

इसके अलावा जनता और विपक्ष के भारी दबाव के बीच चिन्मयानंद को एसआईटी द्वारा आनन-फानन में गिरफ्तार किया गया और अदालत में पेश किया गया,लेकिन पूछताछ के लिए एसआईटी ने उनकी पुलिस कस्टडी नहीं मांगी.

वहीं दूसरी तरफ एसआईटी ने स्वामी चिन्मयानंद की तरफ से एक मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि स्वामी चिन्मयानंद से ₹50000000 की रंगदारी मांगी जा रही है, रंगदारी मांगे जाने के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है, इस मामले में पीड़ित लड़की का भी नाम शामिल है. इसका मतलब यह हुआ कि एसआईटी पीड़ित लड़की को भी रंगदारी के मामले में गिरफ्तार कर सकती है.

जानकारी मिल रही है कि 23 तारीख को एसआईटी जब अदालत में स्टेटस रिपोर्ट पेश करेगी उस समय दूसरे आरोपियों के साथ पीड़ित लड़की की गिरफ्तारी को लेकर भी कदम उठा सकती है.

इसके अलावा एसआईटी के मुताबिक स्वामी चिन्मयानंद ने मसाज वाले वायरल वीडियो के बारे में शर्मिंदगी जताई है.

रंगदारी मांगे जाने को लेकर जो तीन गिरफ्तारी हुई है,उन तीनों लड़कों ने स्वामी चिन्मयानंद से रंगदारी मांगने की बात कबूल कर ली है,फिलहाल इन तीनों लड़कों को जेल भेज दिया गया है और एसआईटी के मुताबिक,एसआईटी सभी सबूतों को परख रही है.

चिन्मयानंद की गिरफ्तारी पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा है कि, जनता ने सुनिश्चित किया की बेटी बचाओ केवल नारों में न रहे.

प्रियंका गांधी ने ट्वीट करके कहा है कि

भाजपा सरकार की चमड़ी इतनी मोटी है कि, जब तक पीड़ित को यह न कहना पड़े कि, मैं आत्मदाह कर लूंगी.तब तक सरकार कोई एक्शन नहीं लेती.यह जनता,पत्रकारिता की ताकत थी कि एसआईटी को भाजपा नेता चिन्मयानंद को गिरफ्तार करना पड़ा.जनता ने सुनिश्चित किया कि बेटी बचाओ केवल नारों में न रहे, बल्कि धरातल पर उतरे.

इसके अलावा इस पूरे मामले में पीड़ित लड़की के पिता की तरफ से कोतवाली शाहजहांपुर में अपहरण और जान से मारने की धाराओं में चिन्मयानंद के खिलाफ मामला दर्ज कराया गया था.

बताते चलें कि चिन्मयानंद का असली नाम कृष्ण पाल सिंह है और चिन्मयानंद उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं .इसके अलावा यह राम मंदिर आंदोलन के बड़े नेताओं में शुमार रहे हैं. अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में इनको केंद्रीय गृह राज्य मंत्री भी बनाया गया था.

इसके पहले भी 2011 में स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ शाहजहांपुर में ही उनकी पूर्व शिष्या साध्वी ने रेप का केस दर्ज कराया था. चिन्मयानंद की पूर्व शिष्या का कहना था कि,जब वह स्वामी के साथ थी तब उन्होंने उसका बलात्कार किया था.

यह भी पढ़े : गंगा साफ करने की बात करने वाली मोदी सरकार जनता का धंधा साफ कर रही है

राष्ट्र के विचार
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