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डार्क जोन घोषित जालोर से बिना क्रमांक के आदेश पर चूरू भेज दी शिक्षिका

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राज के काज: शिक्षा निदेशालय ने छात्र हित के मद्देनजर जारी किए आदेश, मौखिक आदेश का हवाला देकर शिक्षिका को रिलीव भी कर दिया
जीतेश रावल@ जालोर. डार्क जोन घोषित जालोर से बिना क्रमांक के एक आदेश की पालना करते हुए शिक्षिका को चूरू भेज दिया गया। आदेश शिक्षा निदेशालय ने ही जारी किए हैं, जिसमें छात्र हित का हवाला देते हुए शिक्षा व्यवस्था के तहत लगाना दर्शाया है। मामले में मौखिक आदेश का हवाला देकर स्थानीय स्तर पर अधिकारी इस शिक्षिका को रिलीव भी कर चुके हैं। डार्क जोन घोषित इस जिले से शिक्षकों को अन्य जिलों में नहीं भेजा जा सकता, लेकिन निदेशालय स्तर पर ही शिक्षकों को इधर-उधर करने का कार्य किया जा रहा है। आदेश भी शिक्षा व्यवस्था के नाम पर किए जा रहे हैं, जबकि प्रतिनियुक्तियों पर पहले ही रोक है। ऐसा ही एक मामला जिला मुख्यालय से सटे धरड़ा पावटी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सामने आया है।यहां कार्यरत एक शिक्षिका को चूरू भेजा गया है। स्थानीय स्तर पर अधिकारी उसे रिलीव तक कर चुके हैं। हालांकि इस आदेश पर क्रमांक नम्बर का इंद्राज नहीं है, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने मौखिक आदेशों का हवाला देते हुए रिलीव कर दिया।
तत्काल कार्यमुक्त करने के आदेशप्रारंभिक शिक्षा निदेशक से जारी इस आदेश के तहत धरड़ा पावटी स्कूल में कार्यरत सामाजिक विज्ञान द्वितीय लेवल की शिक्षिका अनिता कंवर को राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नम्बर-८, चूरू भेजा गया है। आदेश में बताया है कि अध्यापिका को छात्र हित के मद्देनजर आगामी आदेश तक शिक्षण व्यवस्थार्थ लगाया जाता है। इसमें संस्था प्रधान को तत्काल आदेशित किया कि कार्मिक को तत्काल कार्यमुक्त कर पालना से अवगत कराएं।
आदेश 9 को मिले, 13 को रिलीवनिदेशालय से जारी इस आदेश पर क्रमांक की जगह कोई नम्बर अंकित नहीं है। इस कॉलम में संस्था/प्रा.शिक्षा/2019 ही लिखा हुआ है। आदेश 9 अगस्त को जारी किया गया है। विद्यालय के संस्था प्रधान व नोडल पीइइओ ने 13 अगस्त को इसे चूरू के लिए रिलीव कर दिया। इसमें मौखिक आदेश पर रिलीव करना दर्शाया गया है। वैसे हकीकत उजागर होने के डर से अधिकारी इस मामले में अब आनाकानी भरा जवाब दे रहे हैं।
यह है प्रावधान-डार्क जोन जिले से डार्क जोन में ही हो सकता है स्थानांतरण- प्रतिनियुक्ति के नाम पर शिक्षक को किसी अन्य जगह नहीं भेज सकते।- छात्र हित के मद्देनजर शिक्षा व्यवस्था नजदीकी जगह होनी चाहिए इसलिए रिलीव किया…निदेशालय के आदेश पर क्रमांक नम्बर नहीं थे। इस पर हमने निदेशालय में तस्दीक की। वहां से यह आदेश सही होना बताया गया। इस पर शिक्षिका को चूरू के लिए रिलीव कर दिया।-अशोक रोहिसवाल, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जालोर
मौखिक में बताया…आदेश मिलने के बाद अधिकारियों से पूछा था, जिस पर मौखिक रूप से कहा गया कि यह आदेश सही है। इसके बाद शिक्षिका को रिलीव कर दिया गया।-मिश्रीलाल गर्ग, पीइइओ, लेटा (जालोर)

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