सीकर. राजस्थान के सीकर जिला के पलसाला राष्ट्रीय राजमार्ग ५२ स्थित अखेपुरा टोल बूथ पर आसपास के गांवों वाहनों को टोल मुक्त रखने की मांग को लेकर टोल संघर्ष समिति ने टोल बूथ पर प्रदर्शन कर टोल संचालकों को ज्ञापन सौंपा। हालांकि बाद में संचालाकों और टोल संघर्ष समिति के बीच हुई वार्ता में कोई नतीजा नहीं निकलने से समिति ने एक फरवरी को टोल बूथ पर अनिश्चित कालीन धरने की चेतावनी दी। गौरतलब है कि संघर्ष समिति के लोग रविवार सुबह ११ बजे करीब टोल बूथ पर एकत्रित हो गए। इस दौरान टोल संचालकों को नायब तहसीलदार के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि आज पास की १४ ग्राम पंचायतों के वाहनों को पूर्व की तरह ही टोल मुक्त रखा जाए। बूथ पर स्थानीय लोगों को पूर्व की तरह ही रोजगार दिया जाए। टोलकर्मी निर्धारित ड्रेस कोड में रहे। साथ ही सभी कर्मचारियों का पुलिस वैरिफिकेशन करवा कर आइडी कार्ड में भी जरी किए जाए। सीओ ग्रामीण राजेश आर्य भी जाब्ते के साथ मौजूद रहे। सीओ ने दोनों पक्षों के बीच मांगों को लेकर वार्ता करवाई। वार्ता के दौरान टोल मैनेजर समिति की अधिकांश मांगों पर सहमति जताई। लेकिन स्थानीय वाहनों को टोल मुक्त रखने को लेकर एनएचएआई के नियमों का हवाला देकर कहा कि १५ फरवरी के बाद नकद लाइनों को बंद किया जा रहा है। ऐसे में बीना फास्ट टैग वाले वाहन बूथ से नहीं गुजर पाएंगे। रही बात स्थानीय वाहनों की तो किशनपुरा ग्राम पंचायत के वाहनों को जीरो बैलेंस पर फास्टैग पास बनाकर दिया जाएगा। वही १० किलोमीटर दायरे में आने वाले गांवों के वाहन चालकों को २७५ रुपए मासिक पास पर पास बनाकर दिया जाएगा। समिति के लोगों टोल संचालकों की बातें नहीं मानी। तथा पूर्व की तरह ही स्थानीय वाहनों को बीना फास्टैग के ही निकालने की मांग को लेकर अड़े रहे। एसे में मांगों पर सहमति नहीं बनने से वार्ता बेनतीजा रही। इसके बाद समिति के लोगों ने एक फरवरी से टोल बूथ के पास अनिश्चिकालीन धरने पर बैठने की चेतावनी देकर चले गए।
अखेपुरा बूथ पर ग्रामीणों व टोल संचालकों के बीच वार्ता रही बेनतीज, अनिश्चितकालीन धरने की चेतावनी
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