अफगानिस्तान पर कब्जा करने के करीब तीन सप्ताह बाद तालिबान ने मंगलवार को ‘अंतरिम’ सरकार का ऐलान कर दिया. मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद इस सरकार के प्रमुख होंगे. वहीं, अब्दुल गनी बरादर को डिप्टी बनाया गया है.
मुल्ला हसन वर्तमान में तालिबान की निर्णय लेने वाली शक्तिशाली इकाई ‘रहबरी शूरा’ या नेतृत्व परिषद के प्रमुख हैं, जो शीर्ष नेता के अनुमोदन के अधीन समूह के सभी मामलों पर सरकारी मंत्रिमंडल की तरह कार्य करता है. तालिबान ने बताया है कि अभी एक केयरटेकर कैबिनेट सरकार की जिम्मेदारी संभालेगी. तालिबान ने बिना किसी समारोह के सरकार की घोषणा की है, समारोह बुधवार को हो सकता है.
तालिबान की अंतरिम सरकार की लिस्ट इस तरह है..
प्रधानमंत्री – मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद
डिप्टी PM 1 – मुल्ला बरादर
डिप्टी PM 2 – अब्दुल सलाम हनाफी
गृह मंत्री – सिराजुद्दीन हक्कानी
रक्षा मंत्री – मोहम्मद याकूब मुजाहिद
वित्त मंत्री – मुल्ला हिदायतुल्ला बदरी
विदेश मंत्री – मौलवी आमिर खान मुतक्की
शिक्षा मंत्री – शेख मौलवी नूरुल्ला मुनीर
शरणार्थी मामलों के मंत्री – खलीलउर्रहमान हक्कनी
उप विदेश मंत्री – शेर मोहम्मद स्टेनेकजई (इन्होंने ही पिछले दिनों दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल से मुलाकात की थी)
संस्कृति मंत्रालय के डिप्टी मिनिस्टर – जबीउल्लाह मुजाहिद
रक्षा मंत्रालय में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ – कारी फसीहउद्दीन (ताजिक मूल के तालिबान कमांडर, इनके नेतृत्व में ही तालिबान ने पंजशीर की लड़ाई लड़ी और जीती)
सेना प्रमुख – मुल्ला फजल अखुंद
डिप्टी चीफ ऑफ इंटेलिजेंस – मुल्ला ताज मीर जवाद
नेशनल डायरेक्टोरेट ऑफ सिक्यूरिटी (NDS) प्रमुख – मुल्ला अब्दुल हक वासिक
वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री
अफगानिस्तान के नए गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी का नाम वैश्विक स्तर के आतंकवादियों की सूची में हैं. अमेरिका ने उसके बारे में सूचना पर 50 लाख डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है. अमेरिका के संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की वेबसाइट के अनुसार, 2008 में अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई की हत्या के प्रयास की साजिश में भी वह कथित रूप से शामिल था.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्वीकार्य समावेशी सरकार बनाने के लिए तालिबान पर बढ़ते दबाव के बीच यह घटनाक्रम पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के पिछले हफ्ते अघोषित दौरे पर काबुल जाने के कुछ दिन बाद सामने आया है. अपने दौरे के दौरान आईएसआई प्रमुख ने मुल्ला बरादर और हिज्ब-ए-इस्लामी नेता गुलबुद्दीन हिकमतयार से मुलाकात की थी और अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर चर्चा की थी.
अफगानिस्तान में 3 सितंबर को होने वाले सरकार के एलान को टाला गया और उसके बाद पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई चीफ के दौरे के बाद सरकार में नामों को बदला गया. सिराजुद्दीन हक्कानी को आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई है. वह यूएन की टेररिस्ट लिस्ट के अंदर अभी भी बने हुए हैं. हक्कानी नेटवर्क एक आतंकी संगठन यूएन लिस्ट में है.
तुर्की ने कहा- मान्यता देने में जल्दबाजी न करें
अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनने से ठीक पहले तुर्की के विदेश मंत्री यूसुफ एरिम ने अहम बयान दिया है. यूसुफ ने कहा- हमारी दुनिया को यही सलाह है कि वो तालिबान की सरकार को मान्यता देने में किसी तरह की जल्दबाजी न करें. इधर, काबुल में पाकिस्तान विरोधी रैली पर तालिबान ने फायरिंग कर दी. इससे मची भगदड़ में कई महिलाओं के घायल होने की खबर है. वहीं इस प्रदर्शन को कवर रहे TOLO न्यूज के कैमरामैन वाहिद अहमदी को तालिबान ने गिरफ्तार कर लिया.
बता दें पंजशीर की जंग में पाकिस्तान के दखल से अफगानिस्तान के लोगों में गुस्सा है और वे लगातार दूसरे दिन पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. पाकिस्तान विरोधी प्रदर्शनों में काबुल के लोग गो-बैक पाकिस्तान और आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं. ऐसा ही एक प्रदर्शन काबुल स्थित पाकिस्तानी दूतावास के बाहर चल रहा था, जिसमें ज्यादातर महिलाएं शामिल थीं. यहां लोगों को तितर-बितर करने के लिए तालिबान ने हवाई फायरिंग कर दी.
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