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संभल जाइए और इस खेल को समझ जाइए, देर हुई तो पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी.

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उत्तर प्रदेश से लेकर दिल्ली तक की सरकार और साथ में केंद्र की मोदी सरकार लगातार फ्री अनाज की बात करके फ्री बिजली (Free electricity) की बात करके अपने ही देश की जनता की आंखों में धूल झोंक रही है. चाहे वह केजरीवाल की सरकार (Kejriwal’s government) हो जाए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Sarkar) या फिर केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) बहुत तगड़ा गेम खेला जा रहा है जनता के साथ.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के विज्ञापन चारों तरफ दिखाई दे रहे हैं. चाहे वह शहरों में बैनर के रूप में या फिर टीवी चैनलों में या फिर अखबारों में. 15 करोड़ लोगों को फ्री अनाज दिया जा रहा है उत्तर प्रदेश में, ऐसा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा प्रचारित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की जनसंख्या लगभग 20 से 22 करोड़ है.
अगर कुल जनसंख्या में 15 करोड़ लोगों को महीने के 5 किलो अनाज की जरूरत सरकार से पड़ जाए तो आप समझ सकते हैं इन सरकारों ने और इन प्रचार के भूखों ने देश को कहां लाकर खड़ा कर दिया है और जनता की सोच से किस हद तक जाकर मजाक करने के लिए यह नेता तैयार बैठे हैं. क्या यह अनाज सरकार की तरफ से फ्री में दिया जा रहा है, इसमें जनता के टैक्स का पैसा नहीं लगा है?
अनाज की क्वालिटी क्या है, क्या यह बताया गया? उत्तर प्रदेश की कुल जनसंख्या में से 15 करोड़ लोग इस कंडीशन में पहुंच चुके हैं कि उन्हें सरकार की मदद की जरूरत पड़ रही है और वह भी महीने में सिर्फ 5 किलो अनाज के रूप में. उत्तर प्रदेश सरकार को इसका प्रचार नहीं खुद पर शर्म करने की जरूरत है.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जहां जाते हैं वहां फ्री बिजली और पानी (Free electricity and water) का लालच देकर जनता का वोट लेने की कोशिश करते है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेताओं से सवाल पूछा जाना चाहिए कि अगर फ्री बिजली और फ्री पानी दिया जा सकता है तो फ्री शिक्षा क्यों नहीं?
कहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी तो यह नहीं समझते कि अगर बच्चों को फ्री में शिक्षा दे दी जाए तो वही बच्चे बड़े होकर शिक्षित होकर अरविंद केजरीवाल की चाल को समझने लगेंगे और उन्हें सत्ता से उतार देंगे? कहीं अरविंद केजरीवाल भी तो यह नहीं समझ में लगे हैं कि अगर जनता शिक्षित हो जाएगी तो अरविंद केजरीवाल की राजनीति बंद हो जाएगी?
अरविंद केजरीवाल लगातार शिक्षा के क्षेत्र में लूट को बढ़ावा क्यों दे रहे हैं? फ्री बिजली और फ्री पानी की बात करने वाले अरविंद केजरीवाल, फ्री शिक्षा दिल्ली के अंदर देकर पूरे देश में फ्री शिक्षा के नाम पर वोट क्यों नहीं मांग रहे हैं? आखिर यह राजनेता और मौजूदा राजनीतिक पार्टियां अपने ही देश की जनता के साथ सिर्फ वोटों के लिए इस हद तक जाकर क्यों खिलवाड़ कर रहे हैं?
केंद्र की मोदी सरकार
मोदी सरकार प्रचार की भूखी है, प्रधानमंत्री प्रचार के भूखे हैं, यह बात अब जगजाहिर हो चुकी है. कार्यक्रम कोई सा भी हो वहां प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सी फोटो जरूर नजर आती है. फ्री वैक्सीन की बात पर पूरे देश की जनता को मोदी सरकार ने मूर्ख बनाने का काम किया है.. यही मोदी सरकार संसद के अंदर कहती है कि वैक्सीन फ्री नहीं है पेट्रोल और डीजल के दाम से जो टैक्स मिल रहा है उसी से वैक्सीन दी जा रही है.
लेकिन इसके ठीक उलट पूरे देश में हर जगह प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सी फोटो के साथ एक बैनर नजर आ जाता है, जिसपर लिखा हुआ होता है सभी को फ्री वैक्सीन. धन्यवाद मोदी जी. अपने ही देश की जनता के साथ इतना भद्दा मजाक वह भी देश की सत्ताधारी पार्टी द्वारा? क्या यह व्यक्ति ने प्रधानमंत्री मोदी अपनी पार्टी की तरफ से दे रहे हैं? अगर भारत सरकार का खजाना खर्च हो रहा है तो फिर प्रधानमंत्री मोदी को किस बात का धन्यवाद देना चाहिए और फ्री वैक्सीन के नाम पर किस चीज का प्रचार?
महीने का 5 किलो अनाज अभी सरकार की तरफ से दिया गया और उसके पैकेट पर प्रधानमंत्री मोदी की बड़ी सी फोटो प्रचार के रूप में लगाई गई. जितने का अनाज नहीं था उससे कहीं अधिक कीमत प्रधानमंत्री मोदी की फोटो उस पैकेट पर लगाने में खर्च की गई होगी. यह जनता के टैक्स के पैसे की बर्बादी ही तो है. प्रचार की भूख और सत्ता बनी रहे उसके लिए किसी भी हद तक जाकर झूठ आखिर क्यों?
फ्री के नाम पर मौजूदा पार्टियां आखिर क्यों जनता की भावनाओं से खेल रही है? चाहे वह केंद्र की मोदी सरकार हो या फिर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार या फिर दिल्ली की केजरीवाल सरकार फ्री के नाम पर अपने ही प्रदेश और देश की जनता की आंखों में धूल क्यों झोंक रहे हैं? अगर फ्री करना ही है तो यह सरकारें शिक्षा फ्री क्यों नहीं कर रही है?
शिक्षा फ्री नहीं करने का मकसद सिर्फ इतना सा है कि अगर बच्चे शिक्षित होंगे, बड़े होंगे तो वही बच्चे इन राजनेताओं की गंदी राजनीति को समझ कर उन्हें सत्ता से बेदखल कर देंगे. देश और अलग-अलग प्रदेशों की जो जनता फ्री राशन फ्री बिजली पानी के नाम पर वोट कर रही है वह अपने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है.
जनता को फ्री शिक्षा की मांग करनी चाहिए. अगर फ्री शिक्षा के लिए यह सरकारें तैयार नहीं होती हैं तो इन्हें सत्ता से बेदखल अभी कर देना चाहिए. नहीं तो आने वाली पीढ़ियां हमें और आप को माफ नहीं करेंगी. फ्री का राशन देकर, फ्री बिजली और पानी का लालच देकर यह लोग सत्ता में बने हुए हैं और इसके उलट जनता को धर्म के नाम, पर जाति के नाम पर आपस में लड़ा कर बाटे हुए हैं. समझना हमें और आपको है.
The post संभल जाइए और इस खेल को समझ जाइए, देर हुई तो पीढ़ियां माफ नहीं करेंगी. appeared first on THOUGHT OF NATION.

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