बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सियासी ज़मीन खोखली करने में जुटे एलजेपी मुखिया चिराग पासवान ने अब शराबबंदी को लेकर उन पर हमला बोला है.
चिराग जानते हैं कि शराबबंदी नीतीश का बड़ा हथियार रहा है इसलिए अब उन्होंने इस मुद्दे पर नीतीश को सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है. आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव तो शराबबंदी को लेकर नीतीश पर हमला बोलते ही रहे हैं. शराबबंदी के फ़ैसले को लेकर नीतीश कुमार की काफी वाहवाही होती रही है.
राज्य सरकारों की आमदनी का एक बड़ा जरिया शराब से होने वाली कमाई ही है. लेकिन नीतीश ने जब शराब को बैन किया तो बिहार के लोगों ने उनके फ़ैसले का स्वागत किया. लेकिन यह भी आरोप लगता है कि बिहार में आज भी शराब जिसे चाहिए, वह आसानी से हासिल कर लेता है और यह काम पुलिस-प्रशासन के अफ़सरों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता.
चिराग ने ताज़ा हमला करते हुए एएनआई से कहा, शराबबंदी की समीक्षा नहीं कराते, क्या यहां पर तस्कर नहीं बन रहे हैं. क्या यहां पर शराब की तस्करी नहीं हो रही है. क्या जितने रसूखदार लोग हैं, उनको शराब नहीं मिल रही है. मुख्यमंत्री दस ऐसे आदमी मेरे सामने खड़ा कर दें, जो पहले शराब पीते थे और अब उन्होंने पीना छोड़ दिया हो. जमुई से एलजेपी के सांसद चिराग ने कहा, सबको शराब मिल रही है, पूरा प्रशासन और शासन तंत्र पूरी तरह से मिला हुआ है. कोई एक मंत्री ऐसा नहीं है बिहार सरकार में, इन्हीं की पार्टी का, जिसे ये बात पता नहीं हो.
चिराग ने एएनआई से कहा कि शराब की होम डिलीवरी हो रही है और अगर मुख्यमंत्री का संरक्षण नहीं प्राप्त है तो कैसे शराब की बोतलें बरामद हो रही हैं. उन्होंने कहा कि अगली सरकार में शराबबंदी में तस्करी का पैसा कहां जा रहा है, इसकी जांच कराई जाएगी. चिराग का यह भी कहना है कि शराबबंदी के नाम पर बिहारियों को तस्कर बनाया जा रहा है और बिहार की माताएं-बहनें अपनों को तस्कर बनते नहीं देखना चाहतीं.
उन्होंने ट्वीट कर कहा, बिहार के मुख्यमंत्री के साथ सभी मंत्रियों को पता है कि बिहारी रोज़गार के अभाव में शराब तस्करी की तरफ बढ़ रहा है लेकिन सब के सब को मानो सांप सूंघ गया है. तेजस्वी कह चुके हैं कि नीतीश कुमार के आवास में शराब माफ़िया मटरगस्ती करते हैं. उन्होंने कहा था, मुख्यमंत्री के संग रहने वाले लोग शराब पीते हैं. है बिहार पुलिस में कोई माई का लाल मुझे गिरफ़्तार करे? इन बेशर्म और भ्रष्ट जनादेश डकैतों से कोई पूछे कि शराबबंदी से मुख्यमंत्री आवास से कितने माफ़िया पैदा हुए हैं? विधानसभा चुनाव के दौरान भी तेजस्वी नीतीश पर शराबबंदी को लेकर हमला बोलते रहे हैं.
मैं कह रहा हूँ नीतीश कुमार के आवास में शराब माफ़िया मटरगस्ती करते है। CM के अंग-संग रहने वाले लोग शराब पीते है। है बिहार पुलिस में कोई माई का लाल मुझे Arrest करे? इन बेशर्म और भ्रष्ट जनादेश डकैतों से पूछे शराबबंदी से CM आवास से कितने माफ़िया पैदा हुए है?https://t.co/c0FLyoQ1Rb
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) October 30, 2019
चिराग और तेजस्वी के बयानों का जवाब देते हुए नीतीश कहते हैं कि शराब के अवैध धंधे में लगे लोग उन्हें सत्ता से हटाना चाहते हैं. शराब की तस्करी के आरोपों को नकारते हुए उन्होंने कहा कि राज्य में पूरी तरह शराब पर पाबंदी है. नीतीश अपनी चुनावी सभाओं में कह रहे हैं कि शराब बंदी के बाद कुछ लोग उनसे बहुत ज़्यादा चिढ़ गए हैं और ये लोग उन्हें निशाने पर ले रहे हैं. नीतीश ने कहा कि तस्करी करने वाले लोग चाहते हैं कि कुछ ऐसा हो कि वे सत्ता से हट जाएं.
शराबबंदी को लेकर नीतीश के साथी और पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कुछ दिन पहले कहा कि वे इस क़ानून में संशोधन की मांग करेंगे. मांझी ने कहा कि कई मामले ऐसे आते हैं, जहां शराब के मामलों में गरीबों को पुलिस पकड़ लेती है और अमीरों को छोड़ दिया जाता है. हाल ही में बिहार से कुछ ऐसे वीडियो सामने आए हैं, जिनमें लोगों ने दावा किया कि उन्हें आसानी से शराब मिल जाती है.
इन लोगों के दावे के बाद यह कहा जा सकता है कि नीतीश की शराबबंदी के फ़ैसले को लागू करने में ख़ामियां रही हैं. चिराग तो कह चुके हैं कि बीजेपी-एलजेपी की सरकार बनने पर इसमें हो रहे घोटाले की जांच कराएंगे. कुल मिलाकर चिराग और तेजस्वी दोनों नीतीश को शराबबंदी से जो बढ़त उन्हें महिलाओं के वोटों में मिलती रही है, उसे छीन लेना चाहते हैं.
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