सचिन माथुरसीकर. 1990 के दशक में दूरदर्शन पर प्रसारित होने वाला रामानंद सागर का रामायण सीरियल तो आपको याद होगा। राम, सीता और रावण का नाम लेते ही अब भी इनका किरदार निभाने वाले अरुण गोविल, दीपिका चिलखिया और अरविंद त्रिवेदी की छवि ही जहन में उभरती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि विश्व प्रसिद्ध इस सीरियल में रावण के अभिनय का प्रस्ताव सबसे पहले सीकर के एक पत्रकार- कलाकार को मिला था और उनके साथ सीरियल में एक ऋषि की भूमिका के लिए भी यहीं के एक कलाकार को चुना गया था? शायद नहीं! लेकिन आप जान लें यह बात सौ फीसदी सच है। और जिस शख्स का चयन सीरियल में रावण के लिए हुआ था वो कोई ओर नहीं सांस्कृतिक मंडल की ओर से आयोजित होने वाली रामलीला में 43 साल तक रावण का अभिनय करने वाले हरिराम बहड़ थे। जबकि ऋषि के अभिनय के लिए प्रस्ताव राम और फिर लंबे समय तक केवट का पात्र अदा करने वाले परसराम मल्लाका को मिला था। जिन्होंने इस प्रस्ताव को महज इसलिए ठुकरा दिया, क्योंकि निर्माता- निदेशक ने सीरियल के दौरान उन पर कहीं ओर अभिनय नहीं करने की शर्त रख दी थी, जो उन्हें नागवार गुजरी। दोनों सीकर का रामलीला मंच नहीं छोडऩा चाहते थे। अभिनय देखकर दिया प्रस्तावसांस्कृतिक मंडल के संयुक्त मंत्री जानकी प्रसाद इंदोरिया के मुताबिक रामायण सीरियल में अभिनय का प्रस्ताव रामानंद सागर का प्रतिनिधी लेकर पहुंचा था। बिना किसी सूचना पहुंचे प्रतिनिधी ने यहां पहले कुछ दिन तक रामलीला देखी थी। इसके बाद उन्होंने रावण का किरदार निभा रहे हरिराम बहड़ व केवट का अभिनय करने वाले परसराम मल्लाका के सामने सीरियल के पात्र बनने का प्रस्ताव रखा। इनमें से बहड़ के सामने तो रावण के अभिनय का ही प्रस्ताव रखा गया। लेकिन, मल्लाका को किसी ऋषि की भूमिका अदा करने के लिए कहा गया। 54 साल किया अभिनयबहड़ और मल्लाका दोनों सांस्कृतिक मंडल की रामलीला में लंबे समय तक अभिनेता रहे। बहड़ ने 1956 से 1998 तक 43 साल रावण का अभिनय किया। जबकि मल्लाका 1957 से 2014 तक 54 साल रामलीला के मंचन से जुड़े रहे। मल्लाका ने 1970 तक राम और फिर केवट का अभिनय किया, जो 2014 तक जारी रहा।अंतिम दौर में पहुंची रिहर्सल रामलीला मैदान में सांस्कृतिक मंडल की इस बार 67वीं रामलीला का मंचन होगा। रविवार रात 9 बजे से शुरू होने वाली रामलीला के लिए रिहर्सल का अंतिम दौर चल रहा है। जिसमें सभी कलाकार रघुनाथजी के मंदिर में अपने पात्र के अनुसार देर रात तक संवाद बोलते नजर आ रहे हैं। इनका कहना है:यह सच है कि रामानंद सागर की रामायण के लिए रामलीला में लंबे समय तक रावण का अभिनय करने वाले हरिराम बहड़ और राम व केवट बनने वाले परसराम मल्लाका के पास प्रस्ताव आया था। लेकिन, उन्हेांने कहीं ओर अभिनय नहीं करने की शर्त की वजह से प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।जानकी प्रसाद इंदोरिया, संयुक्त मंत्री, सांस्कृतिक मंडल
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