सीकर.यदि मन में कुछ करने का जुनून हो तो मुसीबत खुद राह से हट जाती है। यह साबित कर दिखाया है आनंद नगर निवासी दृष्टि चौधरी ने। उन्होंने इंजीनियरिंग फील्ड छोड कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी की। अब इनका चयन इंटेलीजेंस ब्यूरो में असिस्टेंट सेक्शन ऑफिसर के पद पर चयन हुआ है। फिलहाल वह गुवाहाटी में सीमा शुल्क विभाग में निरीक्षक के पद पर कार्यरत है। उन्होंने बताया कि मेहनत के दम पर किसी भी क्षेत्र में सफलता संभव है। उन्होंने सफलता का श्रेय माता-पिता व पति अनुज भूरिया को दिया है। चौधरी ने बिना किसी कोचिंग के यह सफलता हासिल की है। बकौल चौधरी, सफलता के लिए आपको जुनून के साथ जुटना पड़ता है। उनका कहना है कि सभी कार्यक्षेत्र के द्वार बेटियों के लिए भी खुले है। इसलिए बेटियां अपने आप को किसी भी सूरत में कम नहीं समझे।——————–पहले इंजीनियरिंग की, बाद में बदली राह दृष्टि चौधरी ने कक्षा दसवीं में 86 फीसदी व बारहवीं में 76 फीसदी अंक हासिल किए। इसके बाद अजमेर महिला इंजीनियरिंग कॉलेज से कम्पयूटर साइंस में बीटेक किया। इस दौरान उनको कई कंपनियों से प्लेसमेंट के तौर पर ऑफर मिले। लेकिन उन्होंने सरकारी सेवा में जाने का मना बना लिया। इसके बाद पूरे मनोयोग से एसएससी की तैयारी में जुट गई।————————-दस से बारह घंटे की पढ़ाई एसएसजी सीजेएल की परीक्षा के जरिए सबसे पहले उन्होंने वर्ष 2020 की परीक्षा में बाजी मारी। इसके बाद भी सफलता के प्रति जुनून उनका कम नहीं हुआ। वह दुबारा इस परीक्षा में शामिल हुई। इस बार उन्होंने टॉप 1650 में जगह बनाई है। इसके दम पर दृष्टि को इंटेलीजेंस विभाग में नियुक्ति मिलना लगभग तय है। परिणाम की खुशी में आनंद नगर व चौधरी कॉलोनी में जश्न मनाया गया।
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