सीकर। मेडिकल कॉलेज के अधीन जिले के सबसे बडे कल्याण अस्पताल में गुरुवार को संभागीय आयुक्त के दौरे को देखते हुए बुधवार को अस्पताल प्रशासन दिनभर सुधार की कवायद में जुटा रहा लेकिन हकीकत यह है कि पिछले दिनो संभागीय आयुक्त की ओर से दिए गए निर्देशों की पालना तो दूर कवायद तक शुरू नहीं की गई है। जिसका नतीजा है कि अस्पताल के वार्डों में भर्ती मरीजों तक निशुल्क दवा पहुंचाने और निशुल्क जांच योजना के सैम्पल लैब तक परिजनो को लेकर ही जाने पड़ रहे हैं। वहीं जिला लैब में पहले की तरह ही मरीजो के सैम्पल दोपहर 12 बजे तक ही लिए जा रहे हैं। जबकि पिछले दिनो संभागीय आयुक्त जयपुर ने वीसी में मुख्यमंत्री निशुल्क योजना के तहत सभी जांच करवाने और सैम्पल लेने का समय दोपहर तीन बजे तक करने, ओपीडी समय में दो पारी में जांच करने, भर्ती मरीजों के सैम्पल लेकर लैब तक पहुंचाने और रिपोर्ट लाकर मरीज तक पहुंचाने सहित खराब उपकरणों को ठीक करवाने के निर्देश दिए थे। गौरतलब है कि इन निर्देशों को जिला अस्पताल सहित सभी चिकित्सा संस्थान को 24 मार्च को आदेश दिए गए थे।
क्वारॅंटीन सेंटर्स शुरू नहीं
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर के कारण होली पर्व पर संक्रमण को रोकने के लिए जिले में दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को क्वॉरंटीन करने के ब्लॉकवार सेंटर्स शुरू करने के निर्देश दिए थे लेकिन सभी जगह क्वॉरंटीन सेंटर्स भी शुरू नहीं हो सके नतीजन होली पर्व पर महाराष्ट्र, यूपी के लोग पर्व मनाकर चले गए। इसके बाद लक्षणों वाले पॉजिटिव मिलने शुरू हुए तो इन मरीजों को कोविड अस्पताल में भर्ती करने की बजाए होम आइसोलेशन में भेजा दिया गया। पिछले दिनो खाटूमेले के बाद पॉजिटिव की संख्या ज्यादा होने पर वहां कंटेनमेंट जोन तो बनाया लेकिन वहां भी पॉजिटिव की निगरानी नहीं हो सकी। कंटेनमेंट जोन में भी लोग बिना किसी पाबंदी के घूमते मिले थे। मेले के दौरान एक पॉजिटिव तो दूसरे राज्य से बिना रिपोर्ट लिए ही खाटूश्यामजी में दर्शन करके चला गया और प्रशासन को बाद में पता चला।
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