Sikar, where the names of girls will be found written on the name plate
अब वो दिन आ गया है जब किसी घर की पहचान बेटियों के नाम पर होगी। बेटियों के नाम से घर पहचाने जाएंगे। यही नहीं उस बेटी को जनने वाली मां के साथ बेटी के नाम की तख्ती घर के बाहर लटकेगी।-पापा नहीं ‘पापा की परी’ के नाम से होगी घर की पहचान-अब नेम प्लेट पर बेटी और मां का लिखेंगे नामसीकर. पापा की परी घर की पहचान होगी और उसको जनने वाली मां के नाम के साथ घर के बाहर तख्ती पर उनके नाम लिखे जाएंगे। जिलेभर में यह सब किया जा रहा है। नेम प्लेट पर मां और बेटी के नाम लिख बेटियों को पहचान दिलाई जाएगी और मां का भी सम्मान किया जाएगा।
दरअसल, जिले में घटते लिंगानुपात को देखते हुए बेटियों को पहचान देने के लिए जिला प्रशासन की ओर से कवायद शुरू की गई है। कवायद के तहत घरों के बाहर मां और बेटी की नेम प्लेट लगाई जाएगी। बेटी के जन्म पर परिजनों को जिला कलक्टर की ओर बधाई संदेश दिया जाएगा। इसके लिए बधाई संदेश के कार्ड सरकारी अस्पताल और आंगनबाडी केन्द्रों तक पहुंचाए जाएंगे।
बुधवार को बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स की बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर धारा सिंह मीणा ने यह जानकारी दी। कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में ***** भेद आधारित गतिविधियों को रोकने, बेटियों पर होने वाली हिंसा को रोकने व बेटियों को शिक्षा एवं समाज में बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई।
बैठक में सहायक निदेशक महिला अधिकारिता डॉ. अनुराधा सक्सेना, सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी पूरण मल, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ओमप्रकाश राड़, अतिरिक्त सीएमएचओं डॉ. हर्षल चौधरी, नेहरू युवा संस्थान सचिव बी.एल मील आदि मौजूद थे।
जिला कलक्टर देंगे बधाई संदेशबैठक में बीबीबीपी गतिविधियों का अनुमोदन किया गया। जिले में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही बालिकाओं को पहचान दिलवाने के लिए बीबीबीपी लोगों एवं बेटी के जन्म पर जिला कलक्टर की ओर से दिए जाने वाले बधाई संदेश का विमोचन किया गया।
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