आजकल राजस्थान / सीकर.
भारतीय जीवन बीमा कंपनी ( LIC ) में करीब 10 लाख रुपयो के गबन का मामला सामने आया है। एजेंट ने यह फर्जीवाड़ा अधिकारियों के कोड नंबर चुराकर किया गया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने जांच के लिए अधिकारियों से रेकार्ड मांगा है। लेकिन, मामला 10 लाख का होने के कारण बीमा कंपनी के अधिकारी भी अब पीछे हट रहे हैं और पुलिस को रेकार्ड उपलब्ध कराकर देने में आनकानी कर रहे हैं। जांच अधिकारी जयप्रकाश का कहना है कि भारतीय जीवन बीमा निगम की सीकर शाखा के महाप्रबंधक ने एजेंट घनश्याम सहित देवीलाल, मूलचंद, मनेश, मगनाराम व राकेश के खिलाफ पुलिस को रिपोर्ट दी है। आरोप हैं कि एजेंट घनश्याम ने धोखाधड़ी कर बीमा धारकों की 47 पॉलीसियों के 10 लाख रुपए गबन कर लिए। इसके लिए एजेंट ने अधिकारियों के कोड नंबर चुराकर लोगों की पॉलिसी का डाटा चुराया। अपने और रिश्तेदारों के फर्जी खाते खुलवा कर पॉलिसी के पैसे उनमें ट्रांसफर कर दिए। यह 10 लाख का हिसाब चुकना कम्पनी के बूते से बाहर हो रहा है।
अधिकारियों के पासवर्ड आखिर कैसे एजेंट के हाथ लग गए।
पुलिस बाकी कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका पर भी जांच को आगे बढ़ा रही है। हालांकि पासवर्ड चोरी होने और खातों सहित बाकी रेकार्ड के लिए पुलिस ने कंपनी के अधिकारियों को पत्र लिखा है। लेकिन, अभी पुलिस के पास इसका जवाब नहीं भिजवाया गया है।
रेकार्ड मिलने के बाद गिरफ्तारी
जांच अधिकारी का कहना है कि अधिकारियों की ओर से रेकार्ड जुटाकर देने के बाद मामले में नामजद लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। इससे पहले जांच कर इनके खिलाफ गड़बड़ी के साक्ष्य जुटाकर पूछताछ की जाएगी। पांच महीने बाद भी जांच अधूरी बीमा कपंनी की ओर से गबन का मामला कोतवाली में जनवरी माह में दर्ज करवाया गया था। लेकिन, पुलिस अभी तक मामले की तह तक नहीं पहुंच पाई है। जबकि मामले के निपटारे के लिए अब जांच बदलकर ASI जयप्रकाश के जिम्मे की गई है।