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बतौर पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष इन 4 कारणों से नहीं ट‍िक पाए सिद्धू

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पंजाब की राजनीति में अचानक हलचल बढ़ गई है. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. गौरतलब है कि सिद्धू ने हालही में पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला था. उनके इस सियासी कदम पर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का बयान सामने आया है.
उन्होंने ट्वीट पर लिखा, मैंने पहले ही कहा था कि ये टिकने वाला आदमी नहीं है और पंजाब के लिए सही नहीं है. सिद्धू का पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से विवाद चल रहा था, जिसके बाद कैप्टन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था और चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का नया सीएम बनाया गया.
ऐसे में सिद्धू का अपने पद से इस्तीफा देना एक बड़े राजनीतिक बदलाव की ओर इशारा करता है. क्योंकि पंजाब में कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने हैं. कहा जा रहा है कि सिद्धू ने 4 अहम कारणों से पद से इस्तीफा दिया है, या फिर यूं कहें कि वह इन 4 कारणों की वजह से पद पर टिक नहीं पाए.
1- पंजाब में मंत्रिमंडल बंटवारे से नाराज- पंजाब में मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद विभागों के बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है. सभी मंत्रियों को उनके पोर्टफोलियो सौंप दिए गए. ऐसे में कहा जा रहा है कि सिद्धू मंत्रिमंडल बंटवारे से नाराज चल रहे थे. राणा गुरजीत सिंह और सुखजिंदर रंधावा को विभाग देने से सिद्धू नाराज थे.
2- चन्नी से मतभेद के कारण हुआ इस्तीफा- कैप्टन अमरिंदर के इस्तीफे के बाद सिद्धू को लग रहा था कि सीएम पद की जिम्मेदारी उन्हें मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. पार्टी ने काफी सोचने के बाद सीएम के रूप में चौथे चेहरे चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर मोहर लगा दी. बाद में सिद्धू के चन्नी से भी मतभेद हो गए, जिसकी वजह से सिद्धू के इस्तीफे की नौबत आई.
3- राहुल और चन्नी मिलकर ले रहे हैं बड़े फैसले- कैप्टन के इस्तीफे के बाद सिद्धू को विश्वास था कि सरकार जो भी बड़े फैसले लेगी, उसमें उन्हें भी महत्व देगी. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और चन्नी, राहुल गांधी के साथ मिलकर ही सारे बड़े फैसले ले रहे हैं. ये बात सिद्धू को खराब लगी और उन्होंने इस्तीफे देने का मन बनाया.
4- बड़ी नियुक्तियों पर नहीं ली गई राय- सिद्धू इस बात से भी खफा थे कि बड़ी नियुक्तियों पर उनकी कोई राय नहीं ली गई. फिर चाहे वो एपीएस देयोल को एडवोकेट जनरल बनाना हो या कुलजीत नागरा को मंत्रिमंडल में शामिल न करने का फैसला हो. इन सब बातों ने सिद्धू के मन में पार्टी के प्रति निष्ठा को कम कर दिया.
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के इस्तीफे पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने कहा कि अभी उन्हें इसके बारे में जानकारी नहीं है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनसे सिद्धू के इस्तीफे को लेकर सवाल किया गया था. उन्होंने कहा कि सिद्धू अगर नाराज हैं तो उनसे बात की जाएगी. सीएम ने कहा, सिद्धू हमारे अध्यक्ष हैं और वे एक अच्छे नेता हैं. मुझसे उनकी कोई नाराजगी नहीं है.
सिद्धू के फैसले पर कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट किया, “मैंने आपसे कहा था… वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए वह उपयुक्त नहीं है.” बता दें कि करीब दो महीने पहले ही कांग्रेस ने कैप्टन अमरिंदर सिंह की नाराजगी के बावजूद सिद्धू को पंजाब कांग्रेस की कमान दी थी.
यही नहीं 18 सितंबर को लंबी तकरार के बाद अमरिंदर सिंह ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने तब कहा था कि अगर सिद्धू पंजाब के सीएम बनते हैं तो यह देश के लिए खतरा होगा. साथ ही उन्होंने कहा था कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में सिद्धू के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतारेंगे.
इसके बाद कांग्रेस ने चरणजीत सिंह चन्नी को सीएम बनाने का फैसला लिया. चन्नी को सिद्धू का करीबी माना जाता है. सूत्रों के मुताबिक, सिद्धू चन्नी मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के बंटवारे से नाराज चल रहे थे. सिद्धू सॉलिसिटर जनरल के चयन से भी नाराज थे.
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