अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की कथित आत्महत्या का मामला दिन पर दिन पेचीदा होता जा रहा है. मीडिया में भी इस मामले को जिस तरीके से उठाना चाहिए था वैसा उठाया नहीं गया.
गैर बीजेपी शासित राज्य महाराष्ट्र के पालघर में जिस तरीके से संतों की हत्या का मामला मीडिया ने उठाया था वैसे ही दिलचस्पी अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत के बाद मीडिया ने नहीं दिखाई. शायद उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है यह भी एक कारण रहा हो.
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या की है ऐसा कहा जा रहा है. उनका शव फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया था ऐसी जानकारी दी गई थी. इस पूरे मामले में जांच भी कई तरह की हो रही है एसआईटी भी अपनी जांच कर रही है. लेकिन इस पूरे मामले में जिस तरीके से बार-बार आत्महत्या का एंगल लाया जा रहा है उससे कई गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं.
इसी को लेकर भारत समाचार के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्रा (Brijesh Mishra) ने एक ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि, कोई है जो किसी भी क़ीमत पर महंत नरेन्द्र गिरी जी की मौत को आत्महत्या साबित करने पर आमादा है. बिना फोरेन्सिक रिपोर्ट, तथाकथित सुसाइड कम वासियतनामा मीडिया मे क्यूँ लीक किया गया. वही लोग आत्महत्या का दावा करते बयान दिए थे. अब तक ना पोस्टमोर्टेम, ना जाँच लेकिन आत्महत्या की रट जारी है.
कोई है जो किसी भी क़ीमत पर महंत नरेन्द्र गिरी जी की मौत को आत्महत्या साबित करने पर आमादा है। बिना फोरेन्सिक रिपोर्ट, तथाकथित सुसाइड कम वासियतनामा मीडिया मे क्यूँ लीक किया गया। वही लोग आत्महत्या का दावा करते बयान दिए थे। अब तक ना पोस्टमोर्टेम, ना जाँच लेकिन आत्महत्या की रट जारी है
— Brajesh Misra (@brajeshlive) September 21, 2021
आपको बता दें कि जिस वक्त महाराष्ट्र के पालघर में साधुओं की हत्या का मामला आया था उस वक्त उत्तर प्रदेश के तमाम साधु संगठनों के साधु न्याय की मांग के लिए गोदी मीडिया में दिखाई देते थे और आंदोलन की चेतावनी भी दे रहे थे. लेकिन महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में अभी तक ऐसी कोई चेतावनी किसी साधु संगठन की तरफ से नहीं आई है.
गोदी मीडिया (Godi Media) के एंकर भी उस तरीके से अपने कार्यक्रमों में चीखते हुए दिखाई नहीं दे रहे हैं, जिस तरह पालघर के वक्त दिखाई दे रहे थे और हिंदू खतरे में है ऐसी बातें करते हुए दिखाई दे रहे थे. सोनिया गांधी से सवाल पूछा जा रहा था, उद्धव ठाकरे को हिंदू विरोधी बताया जा रहा था. लेकिन इस पूरे मामले में गोदी मीडिया की चुप्पी भी कई सवाल खड़े कर रही है और दोहरा रवैया भी.
The post भारत समाचार के एडिटर इन चीफ बृजेश मिश्रा के गंभीर सवाल appeared first on THOUGHT OF NATION.