सीकर. किसान सम्मान निधि को लेकर अब प्रदेश में सियासत गर्माने लगी है। केन्द्र सरकार ने किसानों को पात्र मानते हुए चयनित तो कर लिया लेकिन प्रदेश के सैकड़ों किसानों की सहायता राशि गुपचुक रोक दी गई। किसानों को आयकरदाता बताते हुए यह सहायता राशि रोकी गई है। जबकि किसानों का कहना है कि कर देना तो दूर उन्होंने तो पैन कार्ड तक नहीं बनवाया। इन पीडि़त किसानों के परिवार से कोई राजकीय सेवा में भी नहीं है। इसके बाद भी राशि अटकने से मामला सियासी तूल पकड़ता जा रहा है। सीकर सांसद व किसान मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष का सीधा आरोप है कि केन्द्र सरकार प्रदेश के किसानों को पूरा पैसा देना चाहती है लेकिन राज्य सरकार इसमें रोड़े अटका रही है। नियमों की गलफत की वजह से प्रदेश के तीन हजार से अधिक किसानों की मुसीबत बढ़ती जा रही है।
किसान बोले, कौन करेगा गलती ठीक, किसी को पता नहीं
जिले के किसान पिछले एक महीने से कृषि विभाग से लेकर जिला कलक्टर कार्यालय के चक्कर लगा चुके हैं। लेकिन अभी तक जिले में कोई भी अधिकारी यह नहीं बता सका कि उनकी समस्या का समाधान कौनसा विभाग करेगा। इस संबंध में किसानों ने
किसानों में बढ़ रहा आक्रोश
सांसद को लक्ष्मणगढ़ इलाके के बीरबल शर्मा, रामनिवलास शर्मा, रामलाल, रघुनाथ शर्मा, जगदीश प्रसाद जाट व रामकुमार जाट सहित अन्य किसानों की सम्मान निधि के पैसे अटकने की शिकायत मिली थी।
सांसद ने जिला प्रशासन को बताई समस्यासीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती कई बैठकों में यह मुद्दा उठा चुके है। इसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए पत्र भी लिखा है। सांसद का कहना है कि केन्द्र सरकार किसानों को सहायता राशि देना चाह रही है। लेकिन राजस्थान में सिस्टम भगवान भरोसे होने की वजह से सैकड़ों किसानों को लाभ नहीं मिल पा रहा है।
किसान मोर्चा अध्यक्ष बोले, गहलोत सरकार नहीं चाहती किसानों का भला
राज्य सरकार किसानों का भला नहीं चाहती है। विधानसभा चुनाव के समय सम्पूर्ण कर्जामाफी का वादा कर सत्ता हासिल कर ली। केन्द्र सरकार की किसान सम्मान निधि योजना के आंकड़ों में हेरफेर कर किसानों को सहायता राशि से रोका जा रहा है। प्रदेश का किसान सरकार की इस कार्यशैली को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा।हरिराम रणवां, प्रदेश अध्यक्ष, किसान मोर्चा, भाजपा
जानिए कब-कब आती है किश्तकिसान सम्मान निधि स्कीम मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को शुरू की थी। यह एक दिसंबर 2018 से ही योजना लागू हो गई थी। इस योजना के तहत सरकार किसानों को हर साल 6000 रुपए तीन किस्तों में देती है। पहली किस्त एक अप्रैल से 31 जुलाई, दूसरी किस्त एक अगस्त से 30 नवंबर और तीसरी किस्त एक दिसंबर से 31 मार्च के बीच आती है। किस्त किसानों के खाते में डायरेक्ट ट्रांसफर कर दी जाती है।
इस महीने आएगी आठवीं किस्त
किसान सम्मान निधि की आठवीं अप्रैल-जुलाई की किस्त इस महीने के अंतिम हफ्ते या 2 मई के बाद कभी जारी हो सकती है। अभी तक अधिकतर राज्यों ने आरएफटी पर साइन नहीं किए है। इस कारण किसानों का यह पैसा अटका हुआ है।
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