सीकर.कोरोना की दूसरी लहर के बाद मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही अब किसानों का आंदोलन फिर से जोर पकडऩे लगा है। दिल्ली बार्डर पर आंदोलनरत किसानों के समर्थन में सीकर जिले से एक जुलाई किसान जत्थे रवाना होंगे। किसान नेता अमराराम की अगुवाई में जाने वाला प्रत्येक जत्था पांच दिन-रात तक आंदोलन स्थल पर रुकेगा। यह निर्णय पिपराली, दादिया, रसीदपुरा, सेवद बड़ी, दूजोद स्थित टोल प्लाजा पर 80 से अधिक ग्राम पंचायतों के संयुक्त किसान मोर्चा के प्रमुख सदस्यों की कसान चौपाल में किया गया। चौपाल को संयुक्त किसान मोर्चा,भारत के सदस्य और अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम, प्रदेशाध्यक्ष पेमाराम, जिला सचिव किशन पारीक,संयुक्त किसान मोर्चा के सीकर जिला संयोजक पूर्व प्रधान उस्मान खां, भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के राष्ट्रीय सचिव झाबर सिंह घोसलिया, प्रदेश उपाध्यक्ष सदर मोहम्मद कासिम खिलजी सहित अन्य किसान नेताओ ने संबोधित किया। किसान चौपालों का संचालन दादिया में सुल्तान सिंह सुण्डा, रसीदपुरा में सत्यजीत भींचर, सेवद में महेन्द्र सिंह शेखावत तथा दुजोद में बेगाराम कुल्हरी ने किया
ग्रामवार कमेटियां बनाई संयुक्त किसान मोर्चा, सीकर के प्रवक्ता बीएल मील ने बताया कि अपने अपने निजी वाहनों से सभी किसान जत्थे ग्राम वार सीकर स्थित भगत सिंह सर्किल से पर एकत्र होंगे। बॉर्डर पर रूकने व ठहराव के जब ये किसान जत्थे वापस सीकर आएंगे उससे पहले ही उन्हीं गांवों से दूसरे किसान जत्थे शाहजहांपुर-खेड़ा बॉर्डर के लिए रवाना हो जाएंगे। इसके लिए इस व्यवस्था को सुचारू रूप से बनाए रखने के लिए गांव वाइज किसान कमेटियां बनाई जाएंगी। यह ग्राम कमेटियां अपने अपने गांव से नियमित रूप से प्रत्येक किसान परिवार के कम से कम एक सदस्य का नाम लेकर उसे किसान सैनिक और प्रतिनिधि के तौर पर शाहजहांपुर खेड़ा बॉर्डर ले जाने का काम करेंगी।
इन्होने किया सम्बोधितकिसान चौपालों में राजपाल सिंह झाझडिय़ा, रामचंद्र सुंडा, जगदीश फौजी, हरलाल सिंह मील, बीरबल खाकल, हरि सिंह गढ़वाल, चाचा पूरणमल सुंडा, पूर्व सरपंच झाबर सिंह काजला, बीरबल मुंशी झीगर, सरपंच महावीर सैनी, प्रभु दयाल ओला, पूर्व तहसीलदार ओंकार सिंह मूण्ड, रामेश्वर बगडिय़ा, हरिराम ओला, सुरेश बगडिय़ा, अशोक ढाका ,बनवारी लाल सेन , सरपंच झाबर सिंह ओला, अर्जुन सिंह रामरतन बगडिय़ा, रूड़सिंह महला, मोहन भामू ,शिव भगवान पंकज डोगीवाल हेमाराम, मोहन कस्वां, महावीर परसवाल आदि अनेक वक्ताओं ने संबोधित किया।
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