आजकलराजस्थान / सीकर।
खंडेला थाना इलाके में लुहारवास के पास अरावली की तलहटियों में बने सुंगावाला बांध में नहाते समय डूबे बुजुर्ग का शव 21 घंटे बाद निकाला जा सका।जयपुर से पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद रेस्क्यू किया। जैसे ही शव को बाहर लेकर पहुंचे परिवार में कोहराम मच गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया है।
आपको बता दें कि खंडेला थाना इलाके में लुहारवास के पास अरावली की तलहटियों में बने सुंगावाला बांध में डूबे बुजुर्ग को 20 घंटे बाद नहीं निकाला जा सका। बुजुर्ग के रेस्क्यू के लिए अब जयपुर से एसडीआरएफ टीम ( SDRF Team) मौके पर पहुंची है। आपको बता दें कि गुरुवार को नहाते समय बुजुर्ग बांध में डूब गया था। देर रात तक चले बचाव अभियान के बाद भी उसे निकाला नहीं जा सका। अंधेरा होने के कारण रेस्क्यू अभियान को रोकना पड़ा।
पुलिस व ग्रामीणों के अनुसार लुहारवास निवासी चौथमल कुमावत (60) गुरुवार शाम करीब तीन बजे बांध में नहाने उतरा था। इसी दौरान पहाड़ी पर कुछ चरवाहों ने किसी को डूबते देखा तो शोर शराबा किया और गांव के लोगों को इसकी सूचना दी। इस पर ग्रामीणों की भीड़ मौके पर जमा हो गई।
ग्रामीणों की सूचना पर एसडीएम महिपाल सिंह, तहसीलदार हवासिंह, कार्यवाहक विकास अधिकारी एएसआई धूकलसिंह मय जाब्ता मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के सहयोग से बांध में वृद्ध की तलाश शुरू करवाई। काफी प्रयासों के बाद सफलता नहीं मिली तो जिला मुख्यालय से रेस्क्यू की टीम को बुलाया गया। रेस्क्यू की टीम ने भी चार घंटे तक पानी में डूबे वृद्ध को तलाश किया पर पता नहीं चला। रात दस बजे तक तलाश अभियान जारी रहा। उसके बाद अंधेरा ज्यादा होने के कारण सर्च ऑपरेशन को रोकना पड़ा। शुक्रवार को सुबह जयपुर से आई एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू शुरू किया।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हालघटना के 20 घंटे के बाद भी बुजुर्ग नहीं मिलने पर परिजनों को सब्र का बांध टूट गया। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों का कहना है कि प्रशासन 20 घंटे बीत गए लेकिन, अभी तक प्रशासन बुजुर्ग को खोज नहीं पाए है।स्थानीय स्तर पर साधनों की कमी लुहारवास के बांध में वृद्ध के डूबने के बाद स्थानीय स्तर पर संसाधनों व बचाव के साधनों की कमी सामने आई। पंचायत समिति स्तर पर आपदा प्रबंधन के इंतजाम नहीं होने से जिला मुख्यालय से टीम बुलवानी पड़ी। हालांकि ग्राम पंचायत के पास जो साधन थे वे मुहैया करवा दिए गए लेकिन वे नाकाफी साबित हुए।