जोधपुर. मनोवांछित वर और अखंड सुहाग की कामना को लेकर भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया बड़ी तीज (सत्तू तीज) के रूप में रविवार को मनाई जाएगी। चन्द्रप्रधान व्रत रखने वाली तीजणियां दिन भर निराहार रहेंगी और रात को चांद के दर्शन व पूजन कर व्रत का पारणा करेंगी। तीज का उद्यापन करने वाली तीजणियां सोलह तीजणियों को चने, चावल व जौ के आटे का सत्तू भेंट कर अखंड सुहाग का आशीर्वाद प्राप्त करेंगी। व्रती तीजणियां सूर्यास्त के बाद चन्द्रोदय तक तीज माता की पौराणिक कथाओं का श्रवण और मंदिरों व शिवालयों में दर्शन करेंगी। सूर्यनगरी के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में तीजणियों के लिए विशेष व्यवस्था की गई है।
उत्साह से रचाई मेहंदी, सजने-संवरने में जुटी तीजणियांलोकपर्व की शेषरात्रि शनिवार को तीजणियों ने मान-मनुहार के साथ ‘धमोळी’ परम्परा का निर्वहन किया। पर्व की पूर्व संध्या पर तीजणियां मेहंदी रचाने के बाद नख से शिख तक सजने-संवरने में जुटी नजर आई। परकोटे के भीतर जगह- जगह मिष्ठान और व्यंजनों की अस्थाई स्टॉलों पर तीजणियों के लिए लागत दर पर सत्तू, सत्तू के लड्डू और फलाहारी नमकीन उपलब्ध कराए गए हैं।तृतीया में उदित होगा चन्द्रमातीज को मौसम साफ रहा तो जोधपुर में चन्द्रदर्शन रविवार रात्रि 9.08 बजे हो जाएंगे। पं. ओमदत्त शंकर ने बताया कि तृतीया तिथि रविवार रात 1.13 बजे तक रहेगी। कजली तीज चन्द्रमा प्रधान पर्व है और रविवार को चन्द्रोदय तृतीया तिथि में होगा इसीलिए तीज का त्योहार रविवार को ही मनाया जाएगा।
श्रद्धापूर्वक मनाई जा रही सत्तू तीज, बादलों के बीच रहेगा चन्द्रोदय का इंतजार, परकोटे के भीतर ‘धमोळी’ धूम
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