जोधपुर.हजरत ईरानी शाह बाबा ( Hazrat Eerani shah Baba ) का उर्स ( urs ) शहर के शिप हाउस पोलो स्थित दरगाह ( Dargah ) पर अकीदत और एहतराम के साथ मनाया गया। इस मौके पर आयोजित उर्स में कव्वालों ( Qawwals ) ने दिलकश आवाज ( beautiful voice )में कव्वालियां पेश कर रंग जमाया। कव्वाल इरफान तुफैल पार्टी ( Qawwal Irfan Tufail Party ) ने ‘ताजदारे हरम’ ( Tajdare haram )सूफियाना कलाम कर्णप्रिय स्वर ( captivating voice ) में पेश कर समां बांध दिया।
कौमी एकता की मिसाल
दरगाह सदर इलाही बख्श ने बताया कि उर्स में सबसे पहले झंडे की रस्म अदा की गई। जायरीन की ओर से दरगाह में चादर शरीफ व फूल पेश कर कौमी एकता की मिसाल पेश की गई। रात को ईरानी मस्जिद के इमाम व खतीब मौलाना मोहम्मद स्वालेह अशरफी ने सूफी संतों की जिन्दगी पर रोशनी डालते हुए कहा कि उनका आदर्श यह था कि हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, ईसाई हम सब एक मालिक के बन्दे हैं। हमें भाईचारे और इन्सानियत के साथ रहते हुए जाति, रंग, नस्ल व नाम से किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए।
बुराइयों से दूर रहने की अपील
दरगाह खादिम मोहम्मद याकूब ने बताया कि नागौरी गेट छीपा कॉलोनी की मस्जिद के खतीब हाफिज मौलाना शाह मोहम्मद ने नमाज पाबन्दी के साथ पढऩे व अशिक्षा की बुरी रस्मों को खत्म करने का पैगाम दिया। उन्होंने नौजवानों से अच्छे लोंगों की सोहबत में बैठने और जुआ, शराब, चरस, अफीम व सट्टा आदि बुराइयों से दूर रहने की अपील की।
भाईचारे व खुशहाली की दुआ तकरीर के बाद कव्वाल इरफान तुफैल पार्टी ने हमारे प्यारे नबी की शान में ‘ताजदारे हरम‘ कव्वाली से माहौल को सूफियाना कर दिया। अंत में रंग के कलाम पढ़े गए। उर्स में एडवोकेट हाजी आगा खान, पार्षद अब्दुल करीम जॉनी, कदीर बख्श, मोहम्मद हुसैन व शकील बख्श सहित शहर भर के जायरीन ने शिरकत की। मोहम्मद याकूब ने सलात ओ सलाम पढ़ा। आखिर में मुल्क में अम्नो शांति, आपसी भाईचारे व खुशहाली की दुआ की गई।
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