सीकर. छात्रसंघ चुनाव मतगणना के विवाद की जांच में बुधवार को जयपुर आयुक्तालय से तीन सदस्यों की गोपनीय टीम कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय पहुंची। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एपीओ हुए कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. भूपेंद्र कुमार दुलड़ को भी महाविद्यालय बुलाया गया। करीब छह घंटे चली जांच के दौरान एपीओ कार्यवाहक प्राचार्य, चुनाव निर्वाचन अधिकारी एवं आब्र्जवर से किए गए सवालों के जवाब उलझे हुए रहे। ऑब्जर्वर एल एन जांगिड़ ने कहा मुझे मतगणना कक्ष से बाहर निकाल दिया गया। और इसकी सूचना मैने कार्यवाहक प्राचार्य को भी दी थी। इधर, कार्यवाहक प्राचार्य दुलड़ का कहना है कि मुझे इस बारे में बहुत दिनों बाद पता चला। चुनाव निर्वाचन अधिकारी से भी ऑब्र्जवर को मतगणना कक्ष से बाहर निकालने का कारण पुछा गया। जांच के इन्हीं सब सवाल जवाबों के आधार पर कमेठी जांच रिपोर्ट तैयार कर रही हैं।प्रश्नावलियां बनाकर लिखित में मांग जवाबजांच में आयुक्तालय से ज्वाइन डायरेक्टर आरसी मीना सहित दो अन्य सदस्य भी उपस्थित रहे। जांच टीम ने महाविद्यालय के प्रत्येक व्याख्याता और सदस्य के लिए अलग-अलग प्रश्नावलियां तैयार कर लिखित में जवाब लिया हैं। जांच के दौरान टीम के सदस्यों का बार-बार यही कहना था कि जब आयुक्तालय में छात्रसंघ चुनाव को लेकर कंट्रोल रूम बनाया हुआ था। तो आपने इतने बड़े मामले की सूचना समय पर क्यों नहीं दी। हालांकि इस मामले में पूर्व में कार्यवाहक प्राचार्य को एपीओ कर दिया गया था। लेकिन अब जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉलेज आयुक्तालय आगे की कार्रवाई करेगा।मतगणना के साथ मासिक टेस्ट की भी जांचजांच के लिए एसएफआई की ओर से अध्यक्ष प्रत्याशी एजेंट की अनुपस्थिति में प्रत्याशी प्रिंयका से लिखित में जवाब मांगा गया हैं। हालांकि प्रिंयका ने एजेंट के अनुसार ही मामले की जानकारी दी हैं। इधर, एबीवीपी की ओर से अध्यक्ष प्रत्याशी एजेंट प्रगति माथुर का कहना है कि उन्हें पूर्व में हालांकि जांच टीम महाविद्यालय में आने की सूचना महाविद्यालय व्याख्याता से मिल चुकी थी। लेकिन जांच के दौरान ना तो उन्हें और ना ही महाविद्यालय अध्यक्ष रूचि चौधरी को जांच के लिए बुलाया गया। जांच टीम ने कल्याण राजकीय कन्या महाविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव मतगणना मामले की जांच के साथ अन्य सरकारी महाविद्यालयों का भी औचक निरीक्षण किया। आयुक्तालय की ओर से सभी सरकारी महाविद्यालयों में हर महीने होने वाले मासिक टेस्ट की रिपोर्ट ली गई।यह था मामलागौरतलब है कि छात्रसंघ चुनाव मतगणना में पांच बार काउंटिंग के बाद अंत में एबीवीपी की रूचि चौधरी के एक वोट से जीत की घोषणा हुई। इस घोषणा के बाद एसएफआई ने तत्कालिन कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. भूपेंद्र दुल्लड़ पर मतगणना में धांधली एवं फर्जीवाड़े का आरोप लगाया। एसएफआई कार्यकर्ताओं ने कल्याण सर्किल पर विरोध प्रदर्शन किया। इसी बीच पुलिस ने एसएफआई छात्र-छात्राओं पर डंडे बरसाना शुरू कर दिया।16 सितंबर के आंदोलन, माकपा की चल रही तैयारीपुलिस के लाठीचार्ज से भयभीत छात्र-छात्राओं ने माकपा कार्यालय व जाट छात्रावास में शरण ली। पुलिस ने कुछ समय माकपा कार्यालय के सामने पड़ाव डाला। उसके कुछ देर बाद ही पुलिस एसपी गगनदीप सिघला की अगवाई में माकपा कार्यालय में घुसकर फिर से पुलिस ने फिर से लाठीचार्ज शुरू कर दिया। मौके से माकपा एवं एसएफआई के 70 से अधिक नेता और कार्यकर्ताओं को हिरासत में भी लिया। इस मामले को लेकर एसएफआई लगातार जिले के कई इलाकों में प्रदर्शन कर रही है। सोमवार को दो घंटे के लिए ***** जाम भी किया। 16 सितंबर को माकपा ने आरपार की लड़ाई लडऩे का निर्णय लिया हैं।
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