जोधपुर.ग्राम पंचायतों के वार्ड पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य व जिला परिषद सदस्यों के आरक्षण की लॉटरी निकालने के संबंध में 24 जनवरी को जारी किए गए आदेश को लेकर राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से विचार-विमर्श नहीं किया था।
यह जवाब सोमवार को पंचायतों की लॉटरी को लेकर विचाराधीन याचिका की सुनवाई के दौरान आयोग की ओर से दिया गया।
कोर्ट ने गत 30 जनवरी को पंचायतों के आरक्षण की लॉटरी को निर्णयधीन रखने तथा कोर्ट की अनुमति के बिना उसे प्रभाव में नहीं लाने के आदेश को यथावत रखा है।
कोर्ट में विचाराधीन याचिकाओं संबंधित पंचायतों या समितियों की कलेक्टर व एसडीओ द्वारा 24 जनवरी के आदेश की पालना में निकाली गई लॉटरी की जरूरत को एग्जामिन कर रिपोर्ट पेश करने के लिए भी कहा है।
अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 फरवरी को होगी।कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयेाग से इस संबंध में जवाब तलब किया था
याचिकाकर्ता विजय सिंह व अन्य की ओर से अधिवक्ता मोतीसिंह, रामावतार सिंह चौधरी व मनीष पटेल रिट याचिकाएं दायर की।
याचिका में बताया गया था, कि राज्य सरकार ने 24 जनवरी को आदेश जारी कर फिर से लॉटरी निकाली जा रही है। गत 30 जनवरी को कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयेाग से इस संबंध में जवाब तलब किया था। कोर्ट ने यह भी कहा था, कि 24 जनवरी को जारी आदेश की पालना में निकाली जा रही लॉटरी प्रक्रिया याचिका के निर्णयधीन रहेगी तथा बिना कोर्ट की अनुमति से लागू नहीं किया जाए।
सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता विकास बालिया ने जवाब पेश कहा, कि 24 जनवरी को जारी किए गए आदेश के संबंध में राज्य सरकार ने राज्य निर्वाचन आयोग से विचार-विमर्श नहीं किया था।
निचली अदालतों के भवन निर्माण के संबंध में रिपोर्ट पेश करने के दिए आदेश
राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती और जस्टिस डॉ. पीएस भाटी की खंडपीठ में सोमवार को समाचार पत्रों द्वारा चलाए ऑरिजनल सबसे बड़ा अभियान पर स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेते हुए दर्ज की गई जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। निचली अदालतों के भवन निर्माण के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट हलफनामे के साथ पेश करने के निर्देश दिए हैं।
विधि विभाग, गृह विभाग व वित्त विभाग के आला अफसर भी व्यक्तिगत रूप से पेश हुए थे। कोर्ट ने इस मामले में अब अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद मुकर्रर की है।