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जेल में सफ़ेद दाढ़ी से परेशान हुआ राम रहीम, मानवाधिकार आयोग से लगाई गुहार

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गुरमीत राम रहीम (Ram Rahim) सिंह को कौन नहीं जानता. यह एक ऐसा नाम है जो देश के विवादित नामों में आता है. गुरमीत राम रहीम सिंह डेरा सच्चा सौदा (Dera Sacha Sauda) नाम की एक संस्था चलाते हैं, जिसकी सहायता से कई तरह के सामाजिक कार्यक्रम आयोजन करने का कार्य किया जाता है परंतु इन सबके बावजूद भी इनका नाम कई तरह के क्रिमिनल केसों में है.
गुरमीत राम रहीम सिंह पर बलात्कार तथा यौन शोषण का आरोप लग चुका है. डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख, हरियाणा की रोहतक जिला जेल में उम्र की सजा काट रहे हैं. आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम अब अपनी सफेद दाढ़ी को लेकर बहुत ज्यादा चिंतित हैं.
दरअसल, उनकी दाढ़ी सफेद हो चुकी है, जिसको काला करने के लिए उन्होंने जेल प्रशासन से अनुमति मांगी, परंतु जेल प्रशासन के द्वारा दाढ़ी रंगने की अनुमति नहीं दी गई. जिसके बाद अब राम रहीम (Ram Rahim) ने हरियाणा मानवाधिकार आयोग से अनुमति की मांग की है, जिसका फैसला अभी तक नहीं आया है. राम रहीम के द्वारा रखी गई अपनी इस मांग को लेकर एक बार फिर से वह चर्चा में आ गए हैं.
बता दें हरियाणा मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन जस्टिस एसके मित्तल 3 सितंबर को यहां जेल का निरीक्षण करने के लिए आए हुए थे. उस दौरान राम रहीम ने अपनी सफेद दाढ़ी को रंगने के लिए मांग उठाई थी. राम रहीम ने कहा था कि जेल प्रशासन से इस संबंध में वह कई बार गुहार लगा चुके हैं परंतु अभी तक उनको मंजूरी नहीं मिली. राम रहीम ने कहा कि मजबूर होकर यह मसला मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में लाना पड़ा है, परंतु अभी तक मानवाधिकार आयोग की ओर से फैसला आना बाकी है.
गुरमीत राम रहीम सिंह इससे पहले दिल्ली में चेकअप के लिए जाने के दौरान लोगों से मिलवाने का मामला भी खास विवाद में रहा था. गुरमीत राम रहीम सिंह 4 साल से साध्वियों से दुष्कर्म और डेरे के खिलाफ खबरें छापने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं. इस हत्याकांड में उनको उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.
अदालत ने उन्हें दोषी करार करते हुए सुनारिया जेल में भेज दिया था. मेडिकल जांच और इमरजेंसी पैरोल पर राम रहीम जेल से तीन चार बार बाहर भी आए लेकिन अभी तक उन्हें कोई पैरोल नहीं मिली है. आपको बता दें कि गुरमीत राम रहीम सिंह कभी खेती करने तो कभी बीमार मां का हवाला देकर पैरोल की अर्जी लगा चुके हैं परंतु हर बार उनके द्वारा लगाई गई अर्जी को खारिज कर दी गई है. कुछ दिनों पहले गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए 15 अगस्त पर उनके जन्मदिन पर ग्रीटिंग कार्ड अनुनायियों के द्वारा भेजा गया था.
इसके अलावा राम रहीम के लिए रक्षाबंधन पर अनुनायियों ने हजारों की संख्या में राखियां भी भेजी थीं. खबरों के अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि गुरमीत राम रहीम बीच-बीच में अपने अनुनायियों के नाम पत्र भी लिखा करते हैं. राम रहीम जो भी पत्र लिखता है, उसके अंदर यही जिक्र होता है कि वाहेगुरु ने चाहा तो जल्द ही आपके बीच होऊंगा, परंतु राम रहीम की यह आरजू अभी तक पूरी नहीं हो पाई है.
राम रहीम सिंह ने कोरोना काल में भी कोविड नियमों का पालन करने हेतु एक चिट्ठी अपने समर्थकों के नाम लिखी थी. राम रहीम को जब जेल से बाहर लाया जाता है तो चप्पे-चप्पे पर पुलिस की मौजूद रहती है. आपको बता दें कि पिछले दिनों मेडिकल जांच के लिए गुरमीत राम रहीम सिंह को एम्स दिल्ली में ले जाया गया था और उनको कड़ी सुरक्षा में ले जाने का दावा भी किया गया.
परंतु यह खुलासा हुआ कि सुरक्षा की जिम्मेदारी जिस डीएसपी को सौंपी गई थी. उन्होंने बीच रास्ते में वीआईपी गेस्ट को गुरमीत से मिलवाया था. जब इस पूरे मामले की जांच हुई तो इस मामले को लेकर डीएसपी शमशेर सिंह दहिया को निलंबित कर दिया गया और उनकी जगह डीएसपी महेश कुमार को जिम्मेदारी सौंपी गई.
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