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रजत शर्मा हर हाल में मोदी का समर्थन करने के लिए मजबूर हैं?

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रजत शर्मा (Rajat Sharma) की गिनती उन पत्रकारों में होती है जो बीजेपी तथा मोदी सरकार के समर्थक माने जाते हैं. रजत शर्मा अक्सर अपने कार्यक्रमों के जरिए मोदी सरकार का बचाव और विपक्ष को कटघरे में खड़ा करते रहते हैं. रजत शर्मा को मोदी सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए किसी भी हद तक जाते हुए देखा गया है.
महामारी के दौर में भी जिस वक़्त लोग सांसों के लिए तड़प रहे थे, ऑक्सीजन की कमी के कारण अपनों को खो रहे थे, जान बचाने की जद्दोजहद चल रही थी, उस वक्त भी रजत शर्मा मोदी सरकार के बचाव में उल जलूल तर्क दिए जा रहे थे अपने कार्यक्रमों के जरिए और सोशल मीडिया के जरिए. महामारी के दौर में मोदी सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालने के लिए रजत शर्मा ने तब्लीगी जमात को बदनाम किया.
कोरोना फैलने का ठीकरा रजत शर्मा और इनके जैसे कुछ पत्रकारों ने तब्लीगी जमात पर फोड़ाथोड़ा. ऐसा लग रहा था मानो तब्लीगी जमात के कारण ही इस देश में महामारी आई है. किसान आंदोलन को बदनाम करने में रजत शर्मा ने कोई कसर नहीं छोड़ी. अपने कार्यक्रमों के जरिए किसानों को जी भर के रजत शर्मा ने बदनाम किया. तीनों कृषि कानूनों के समर्थन में रजत शर्मा ने अलग-अलग कार्यक्रम किए, ब्लॉक लिखें.
तीनों कृषि कानूनों को रजत शर्मा ने ऐतिहासिक भी बताया था, और किसानों की जिंदगी बदल देने वाला है उन्हें लाभ देने वाला भी बताया था. मोदी को महान बताने के लिए रजत शर्मा तथ्य हीन तर्क देते रहते हैं. विपक्ष को बदनाम करना रजत शर्मा की आदत में शुमार है. अब जबकि तीनों कृषि कानून वापस लेने का ऐलान प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जा चुका है और वह भी तब जब उत्तर प्रदेश हार जाने का डर बीजेपी को सता रहा है, इसके बाद रजत शर्मा वापसी के ऐलान के बचाव में भी तर्क देने से नहीं चूक रहे है.
रजत शर्मा का ब्लॉग
तीनों कृषि कानूनों के वापसी के ऐलान पर रजत शर्मा ने एक ब्लॉग लिखा है. अपने ब्लॉग में उन्होंने लिखा है कृषि कानूनों को वापस लेकर मोदी ने कैसे एक झटके में विपक्ष के हमलों की हवा निकाल दी. उन्होंने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने गुरु नानक देव जयंती के दिन इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया. अचानक हुए इस ऐलान में नरेंद्र मोदी के कद को और बड़ा कर दिया.
रजत शर्मा ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि, नरेंद्र मोदी ने सिर्फ वापस लेने का ऐलान नहीं किया बल्कि हाथ जोड़कर देश से माफी मांगी. उन्होंने किसी गलती के लिए नहीं बल्कि यह कह कर माफी मांगी कि वह अच्छे कानूनों पर भी कुछ किसान भाइयों को समझा नहीं पाए. रजत ने लिखा है कि मोदी को पूरे देश का समर्थन हासिल है, उनकी सरकार के पास संसद में सवा तीन सौ से ज्यादा सांसदों का समर्थन है और उनकी सरकार को किसी तरह का खतरा नहीं है, किसी तरह का कोई दबाव नहीं है.
रजत शर्मा ने लिखा है कि मैंने 40 साल की पत्रकारिता में इंदिरा गांधी से लेकर अब तक की सारी सरकारें देखी है. लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ जब प्रधानमंत्री ने बिना किसी लाग लपेट के देश के सामने आकर बिना गलती के माफी मांगी हो. नरेंद्र मोदी ने यह दिखा दिया कि क्यों उन्हें स्टेट्समैन कहा जाता है, क्यों वह दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता क्यों हैं. रजत शर्मा ने अपने ब्लॉग में मोदी की चापलूसी करने का कोई मौका नहीं छोड़ा है या यूं कहें कि उन्होंने चापलूसी करने की हर हद पार कर दी है अपने ब्लॉग में.
रजत शर्मा को देश से मतलब नजर नहीं आता, देश के किसानों से मतलब नजर नहीं आता, विपक्ष के संघर्ष से मतलब नजर नहीं आता. उन्हें सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चापलूसी करनी है, बीजेपी का समर्थन करना है. इसके लिए चाहे किसी भी हद तक जाना पड़े रजत शर्मा तैयार नजर आते हैं. उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गलती नजर नहीं आती, उन्हें 700 किसानों की शहादत नजर नहीं आती.
रजत शर्मा एक बार भी अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा बनाए जा रहे गांव को लेकर सवाल पूछते हुए नजर नहीं आते हैं मोदी से. रजत जैसे सत्ता के चापलूस पत्रकारों को जनता की परेशानियों से कोई लेना-देना नजर नहीं आता, बेरोजगारी से कोई लेना-देना नजर नहीं आता, महंगाई से कोई लेना देना नहीं आता, इन्हें हर हाल में मोदी सत्ता का बचाव करना है, चाहे इसके लिए किसी भी हद तक जाना पड़े.
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