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पूर्व राजपरिवारों को राजस्थान हाईकोर्ट का आदेश, जारी करे निजी व सरकारी संपत्तियों की लिस्ट

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जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अपने चार साल पुराने आदेश की पालना में केन्द्र और राज्य सरकार को पूर्व राजपरिवारों की निजी व सरकारी संपत्तियों की लिस्ट जारी करने और लिस्ट गजट नोटिफिकेशन के जरिए सार्वजनिक प्रकाशन करने के निर्देश दिए हैं। चीफ जस्टिस एस रविन्द्र भटृट और जस्टिस इंद्रजीत सिंह की बैंच ने यह आदेश लोक संपत्ति संरक्षण समिति की जनहित याचिका पर दिए। कोर्ट ने केन्द्र व राज्य सरकार सहित जयपुर के पूर्व राजपरिवार को अगली सुनवाई तक जवाब पेश करने को भी कहा है।
चार साल पहले दिए थे आदेश समिति की ओर से सचिव पी एन मैंदोला ने कोर्ट को बताया कि चार अगस्त,2015 को तत्कालीन चीफ जस्टिस की बैंच ने राजस्थान के 18 पूर्व राजपरिवारों की निजी व सरकारी संपत्तियों की सूची जारी व प्रकाशित करने के लिए विस्तृत आदेश दिए थे। लेकिन अब तक इस आदेश की पालना नहीं की गई है। जबकि केन्द्र व पूर्व राजपरिवारों के साथ हुए कोविनेंट के अनुसार और संविधान के अनुच्छेद-12 की पालना में सभी रियासतों की निजी व सरकारी संपत्तियों की सूची बनाकर गजट नोटिफिकेशन होना था।
 
सभी पूर्व रियासतों की निजी व सरकारी संपत्तियों की सूची बनाई भी गई थी लेकिन कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। मैंदोला ने कोर्ट को बताया कि अरबन सीलिंग एक्ट-1976 के तहत जयपुर के पूर्व राजपरिवार को अमरुदों का बाग की जमीन को अतिरिक्त जमीन मानकर कब्जा लेने के लिए नोटिस दिए गए थे लेकिन,सरकार ने कभी नोटिस की पालना में जमीन का कब्जा नहीं लिया। जबकि नोटिस देने के बाद सरकार को कब्जा लेना चाहिए था।
आतिश मार्केट के बदले गलत दी गई जमीन आतिश मार्केट सरकारी संपत्ति है। 29 जून,1982 को हुई एक सरकारी मीटिंग में जयपुर के आतिश मार्केट, अलवर का जनवासा और सवाईमाधोपुर का शिकारखाने को सरकारी संपत्ति मानकर कब्जा लेने के निर्देश दिए गए थे। इसके बावजूद राज्य सरकार ने आतिश मार्केट के बदले जयपुर के पूर्व राजपरिवार को जगतपुरा में 15 बीघा जमीन गलत तरीके से आवंटित कर दी।
 
मामले में अगली सुनवाई 26 सितंबर कोइसके बाद सरकार ने जलेब चौक,पुरानी विधानसभा,जनानी डयोढी,अमरुदों का बाग और सिविल लाईंस स्थित बंगला नंबर 15 व 16 के मालिकाना हक को तय करने के लिए खन्ना कमेटी बनाई थी। इस कमेटी की एक दो मीटिंग तो हुईं लेकिन कमेटी ने कभी कोई रिपोर्ट नहीं दी। पीटिशनर मैंदोला का कहना है कि पूर्व रियासतों के साथ कोविनेंट केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने किया था इसलिए पूर्व राजपरिवारों की संपत्तियों से जुडे विवादों के निपटारे के लिए केन्द्रीय गृह मत्रालय की ही कमेटी बनाई जानी चाहिए। मामले मे अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

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