किडनी और लीवर का इलाज काफी महंगा होता है, ऐसे में लॉकडाउन के चलते काफी लोगों को पैसे की दिक्कत आ रही है और इसके चलते वह इलाज करवा पाने में असमर्थ हैं.
कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने लगभग 1000 किडनी और लीवर की बीमारी वाले मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी उठाई है. ये सभी मरीज, राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र वायनाड से हैं. सूत्रों के मुताबिक मंगलवार दोपहर राहुल गांधी ने वायनाड के नेताओं से बातचीत की, जिसमें एक मुद्दा यह भी उभरकर आया कि उनके संसदीय क्षेत्र में लॉकडाउन के चलते किडनी और लीवर के पेशेंट्स अपना इलाज नहीं करवा पा रहे हैं.
मालूम हो कि किडनी और लीवर का इलाज काफी महंगा होता है, ऐसे में लॉकडाउन के चलते काफी लोगों को पैसे की दिक्कत आ रही है और इसके चलते वह इलाज करवा पाने में असमर्थ हैं. सूत्रों ने आगे बताया कि जैसे ही राहुल गांधी तक यह बात पहुंची तो उन्होंने खुद ही मीटिंग के दौरान आगे बढ़ कर कहा कि वह एक हजार ऐसे मरीजों की जिनका किडनी और लीवर का इलाज चल रहा है, उनकी जिम्मेदारी उठाते हैं.
बैठक में कांग्रेस पार्टी महासचिव केसी वेणुगोपाल भी मौजूद थे, उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को बताया कि कैसे वायनाड में लोगों को मास्क, राशन, सैनेटाइजर्स और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं. बैठक में यह भी बात उभर कर आई की बहुत सारे वायनाड के नागरिक विदेशों में हैं और वह अपने घर वापस आना चाहते हैं.
वायनाड के नेताओं ने राहुल गांधी से गुहार लगाई कि वह केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर बात करें और जो विदेशों में वायनाड के लोग फंसे हुए हैं, उनको वापस घर लाया जा सके. राहुल गांधी ने वायनाड के अंदर लॉकडाउन के चलते इस समय क्या स्थिति है उसका जायजा भी लिया. वायनाड के नेताओं संग राहुल गांधी की ये बैठक लगभग 2 घंटे तक चली.
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