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लखीमपुर मुद्दे पर अमीश देवगन की पत्रकारिता पर रागिनी नायक ने उठाया सवाल

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लखीमपुर (Lakhimpur) में किसानों के नरसंहार के मुद्दे ने राजनीति में उबाल ला दिया है. इस मुद्दे पर जहां बीजेपी चारों तरफ से आलोचनाओं का शिकार हो रही है, वही मीडिया बीजेपी के बचाव में खड़ी हुई है. लखीमपुर खीरी के मुद्दे पर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राजनीतिक पार्टियों के नेताओं के संवैधानिक अधिकारों को भी मानने के लिए तैयार नहीं है.
प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लखीमपुर नहीं जाने दे रही है. प्रियंका गांधी जिद पर अड़ी हुई है कि वह लखीमपुर जब तक जाकर पीड़ित परिवारों से नहीं मिलेंगी तब तक वापस जाएंगी नहीं. योगी सरकार ने प्रियंका गांधी को हिरासत में रखा हुआ है. प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की राजनीति कोश लखीमपुर के मुद्दे पर गर्म कर दिया है. अभी तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं कर पाई है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार.
पैसे देकर मामले को रफा-दफा करने की कोशिश भी हुई और सिर्फ आश्वासन दिया गया कि गिरफ्तारी होगी. लेकिन एक भी गिरफ्तारी अभी तक सामने नहीं आई है. सोशल मीडिया पर कुछ वीडियोस भी वायरल हुए हैं जिसमें साफ दिखाई दे रहा है कि गाड़ी किसानों पर जानबूझकर चढ़ाई गई, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस के हाथ अभी तक खाली हैं. पंजाब के उप मुख्यमंत्री, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तक को लखीमपुर खीरी जाने से रोका गया.
संवैधानिक पद पर बैठे हुए दूसरे राज्यों के नेताओं के साथ उत्तर प्रदेश की पुलिस ने बदसलूकी की यह. सब एक लोकतांत्रिक देश के लिए कहीं से भी ठीक नहीं है. जो कुछ भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार कर रही है, हो सकता है आने वाले समय में दूसरी सरकारें बीजेपी के नेताओं के साथ करें, अगर यही सब कुछ चलता रहा और यही परंपरा बनी रहे तो.
मीडिया इस पूरे मामले में एकतरफा रिपोर्टिंग करता हुआ नजर आया है. दैनिक भास्कर में तो किसानों के खिलाफ ही रिपोर्टिंग की गई, उसमें लिखा गया कि उपद्रवी किसानों ने हिंसा की है. जबकि जो वीडियो सामने आए हैं उसमें साफ दिखाई दे रहा है कि गाड़ी जानबूझकर किसानों के ऊपर चढ़ाई गई और 2 दिन पहले बीजेपी के मंत्री की तरफ से धमकी भी दी गई थी.
लखीमपुर खीरी के ही मुद्दे पर अमीश देवगन के डिबेट शो में रागिनी नायक ने अमीश देवगन की रिपोर्टिंग पर सवाल खड़े किए. अमीश देवगन ने इस पूरे मामले पर कुछ दिन पहले ट्वीट भी किया था और मारे गए किसानों के प्रति संवेदना व्यक्त करने की जगह एक फोटो वायरल कर के किसानों को ही बदनाम करने की कोशिश की.
अमीश देवगन (Amish devgan) ने अपने शो में बीजेपी का बचाव करते हुए लखीमपुर खीरी जाने वाले कांग्रेस के नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को फिर से जीवित करने के लिए यह सब कुछ कर रही है प्रियंका गांधी. उन्होंने कहा कि किसान नेताओं को जाने दिया जा रहा है लेकिन जो राजनीतिक पार्टी के नेता है उन्हें नहीं जाने दिया जा रहा है किसान नेताओं को मिलने से किसी ने नहीं रोका.
इसको लेकर रागिनी नायक (Ragini Nayak) ने ट्वीट भी किया है. उन्होंने लिखा है कि, जैसे ही मैंने कहा- लखीमपुर में मातम है और लखनऊ में जश्न. इतनी बेशर्मी कहॉं से लाते हैं मोदी जी ??? पिट्ठू भाई, बौखला गए. इसीलिए, उन्हें समझाना पड़ा कि, जो सिक्के के दोनो पहलू दिखाते हैं, वो पत्रकार होते हैं जो केवल एक तरफ़ा बात करते हैं, वो सरकार के ‘पिट्ठू’ होते हैं.

जैसे ही मैंने कहा –
लखीमपुर में मातम है और लखनऊ में जश्न !!इतनी बेशर्मी कहॉं से लाते हैं मोदी जी ???
पिट्ठू भाई, बौखला गए
इसीलिए, उन्हें समझाना पड़ा कि-
जो सिक्के के दोनो पहलू दिखाते हैं, वो पत्रकार होते हैंजो केवल एक तरफ़ा बात करते हैं, वो सरकार के ‘पिट्ठू’ होते हैं pic.twitter.com/JGwB2AXsIM
— Dr. Ragini Nayak (@NayakRagini) October 6, 2021

आपको बता दें कि बीजेपी के नेताओं की तरह बीजेपी समर्थित न्यूज़ एंकर और पत्रकार भी कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए किसी भी मुद्दे पर यही कहते हैं कि कांग्रेस के नेता राजनीति करने के लिए जा रहे हैं और ऐसा कहकर वह बीजेपी के समर्थकों के लिए संदेश देते हैं कि कांग्रेस राजनीति कर रही है जबकि उन्हें पता होना चाहिए कि कोई भी राजनीतिक पार्टी राजनीति ही तो करती है बीजेपी भी तो राजनीतिक पार्टी है और नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और योगी तक और तमाम बीजेपी नेता राजनीति ही तो कर रहे हैं.
अमीश देवगन जैसे पत्रकारों को पता होना चाहिए कि राजनीतिक पार्टियों के नेता राजनीति ही तो करते हैं. राजनीति करना गलत है क्या? अगर विपक्षी पार्टियों के नेता किसी मुद्दे को उठा रहे हैं तो वह राजनीति कर रहे हैं, ऐसा कह कर उन्हें बदनाम करने की कोशिश की जाती है. तो 2014 के पहले के मुद्दों पर अगर नरेंद्र मोदी बात करते थे या अभी भी करते हैं और बीजेपी के नेता अभी भी करते हैं तो वह लोग राजनीति नहीं कर रहे हैं क्या?
बीजेपी समर्थक पत्रकारों की तरफ से ऐसा क्यों नहीं कहा जाता कि बीजेपी राजनीति कर रही है? बीजेपी और कांग्रेस या दूसरी पार्टियां अगर राजनीति कर रही है तो गलत क्या है? दरसल राजनीति कर रहे हैं, ऐसा कहकर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को बदनाम करने की कोशिश मीडिया के द्वारा होती है और राजनीति कर रहे हैं, इस शब्द की आड़ में बीजेपी का बचाव किया जाता है मीडिया के द्वारा, यह बात पुरे देश को समझ नहीं होगी.
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