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अफसरशाही के भंवर में फंसी तरक्की

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सीकर. पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों की मनमानी से जिले के तृतीय श्रेणी के सैकड़ों शिक्षक अपने हक से वंचित हैं। इसका कारण है जिला परिषद के अधिकारियों की अनदेखी व जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा। आलम यह है कि इन शिक्षकों के स्थायीकरण करने वाली जिला स्थापना समिति की मीटिंग पिछले डेढ साल से नहीं हो पाई है। इससे सैकड़ों शिक्षकों के स्थायीकरण के प्रकरण जिला परिषद में धूल फांक रहे हैं। गौरतलब है कि पंचायती राज के माध्यम से नियुक्त तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थायीकरण में जिले के 463 मामले लंबित हैं। इधर, बीकानेर निदेशक ने हालही में स्थायीकरण और नियमितिकरण एक साथ करने के निर्देश दिए है। ऐसे में जिला परिषद के कारण शिक्षकों को कई साल तक फिक्स वेतन में ही काम करना पड़ेगा। गौरतलब है कि राज्य सेवा में लगे कार्मिकों को दो साल के प्रोबेशन पर नियुक्ति दी जाती है। प्रोबेशन पूरा होने तथा संतोषजनक सेवा होने पर उनका स्थायीकरण किया जाता है। वर्तमान में राज्य सेवा के सभी कार्मिकों को दो साल के लिए फिक्स वेतन पर नियुक्ति दी जाती है। उसके बाद नियुक्ति अधिकारी की ओर से स्थायीकरण व वेतन नियमितिकरण के आदेश किए जाते है। वेतन नियमितिकरण के बाद ही कार्मिकों को पूरा वेतन मिलता है।विभाग की मनमानीशिक्षा विभाग में व्याख्याता, प्रधानाध्यापक व वरिष्ठ अध्यापक की नियुक्ति निदेशक और संयुक्त निदेशक करते है। व्याख्याता और प्रधानाध्यापक के स्थायीकरण व वेतन नियमितिकरण के आदेश निदेशक तथा वरिष्ठ अध्यापक के आदेश संभाग के संयुक्त निदेशक जारी करते हैं। तृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्ति पंचायतराज के माध्यम से होती है। इसमें जिला परिषद की स्थापना समिति के अनुमोदन के बाद जिला शिक्षा अधिकारी मुख्यालय द्वारा किया जाता है।15 महीने से नहीं हुई बैठकतृतीय श्रेणी शिक्षकों की नियुक्त को 19 दिसंबर 2019 के बाद 15 महीने का समय निकल चुका है। अभी तक शिक्षकों के स्थायीकरण के लिए स्थापना समिति की बैठक नहीं हुई। जबकि हर दो तीन महीने बाद बैठक होनी चाहिए। जिले में स्थिति यह है कि 2013 में नियुक्त शिक्षकों के भी अभी तक स्थायीकरण आदेश नहीं हुए हैं। गौरतलब है कि फरवरी 2020 में वेतन नियमितिकरण के लिए शिक्षक संघ शेखावत ने आहरण वितरण अधिकारियों को वेतन नियमितीकरण के लिए निर्देशित करने का आर्डर करवा दिया था। इसमें 95 प्रतिशत शिक्षकों के वेतन नियमितिकरण के आदेश हो गए। ऐसा नहीं होता तो आठ साल बाद भी वे फिक्स वेतन पर ही कार्य करते रहते।पेंडिंग प्रकरणवर्ष पेंडेंसी2012 4202013 1722016 5222018 390कुल 463चर्चा करेंगेतृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थायीकरण के मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से चर्चा की जाएगी। जल्द ही स्थापना समिति की बैठक बुलाकर स्थायीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। सुरेश कुमार, मुख्य सीईओ, जिला परिषद सीकर

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