कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को सोमवार को उस समय हिरासत में ले लिया गया, जब वह यूपी के लखीमपुर खीरी जा रही थीं. इसी मुद्दे पर प्रियंका गांधी ने उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग की. साथ ही योगी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘जब भी मैं कहीं जाना चाहती हूं तो सरकार रोक देती है. हाथरस, सोनभद्र और सीएए-एनआरसी को लेकर लखनऊ गई तो इन्होंने रोका. क्या मेरे जाने से कोई हिंसा हुई है? क्या मैंने जनता को उकसाया है? मैं तो हमेशा बात करके आई हूं.
प्रियंका गांधी ने कहा, देश के अन्नदाता ने देश बनाया है. किसान का बेटा सीमा पर खड़ा होता है, देश की सुरक्षा करता है. अन्नदाता के साथ अत्याचार हो रहा है. इस हद तक होने लगा है कि मंत्री का बेटा गाड़ियों से किसानों को कुचल देता है. क्या विपक्ष किसानों की आवाज नहीं उठा सकता है. संवेदना प्रकट नहीं कर सकता है. सरकार पर दबाव बनाना हमारा काम है. सरकार ने जो कार्रवाई की है वह दबाव का नतीजा है. अभी तक सरकार ने मंत्री के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया है. मुझे, अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया है. चरणजीत सिंह चन्नी, भूपेश बघेल को यहां आने नहीं दिया जा रहा है.
प्रियंका गांधी ने कहा, जब मंत्री के बेटे ने गाड़ियां चढ़ा दी तो पुलिस कहां थी. मंत्री ने जब भड़काऊ बयान दिए तब पुलिस कहां थी. अब हमलोगों के जाने से तनाव फैल जाएगा? क्या मंत्री को इस्तीफा नहीं देना चाहिए. अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए. आप उनके बेटे को गिरफ्तार क्यों नहीं कर रहे हैं?
उन्होंने नजरबंदी को लेकर कहा कि या तो मुझे गिरफ्तार करें या मुझे जानें दें. प्रियंका गांधी ने कहा कि पीड़ित परिवारों से मिले बिना नहीं लौटूंगी. इससे पहले कांग्रेस ने आरोप लगाया कि प्रियंका और दीपेंद्र हुड्डा सहित कई अन्य कांग्रेस नेता सुबह लखीमपुर सीमा पर पहुंच गए थे, लेकिन उन्हें उन किसानों के परिवारों से मिलने की अनुमति नहीं दी गयी, जिनकी एक दिन पहले हिंसा में मौत हो गयी थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान रविवार को लखीमपुर खीरी जिले के तिकोनिया इलाके में भड़की हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई. अधिकारियों के अनुसार लखीमपुर जिले के कुछ हिस्सों में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है, जहां दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत प्रतिबंध लगा दिया गया है.
लखीमपुर खीरी केस में कांग्रेस की मांग
कांग्रेस ने लखीमपुर खीरी की घटना पर कहा है कि इस मामले में बीजेपी लीपापोती का काम कर रही है. कांग्रेस ने कहा कि शांतिपूर्वक धरना दे रहे किसानों पर बीजेपी जुल्म करने से बाज नहीं आ रही है. कांग्रेस के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल ने कहा कि, किसान काले कानून (कृषि क़ानूनों) के खिलाफ शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं. सरकार नहीं मान रही इसलिए वे सड़कों पर हैं. केंद्रीय मंत्री के बेटे की गाड़ी से उन्हें कुचल देने की घटना को आप कैसे जस्टिफाई कर सकते हैं. लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है.
वहीं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जज कराई जानी चाहिए. उन्होंने मांग की कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र को तुरंत बर्खास्त किया जाए और उनके आरोपी पुत्र को गिरफ्तार किया जाए. भूपेश बघेल ने कहा लखीमपुर खीरी की घटना के बाद की स्थितियों को देखकर पता चलता है कि बीजेपी सरकार किस कदर किसानों के खिलाफ है और वो किसी भी विरोध को बर्दाश्त नहीं करना चाहते हैं. ये अंग्रेजों के रास्ते पर चलने वाले लोग हैं.
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएँ घटित होती हैं जिसके बाद राजनीतिक दल के लोग, सामाजिक संगठन, विभिन्न संगठन के लोग जाते हैं और उस घटना के बारे में जानकारी लेते हैं, न्याय की बात करते हैं. लेकिन लखीमपुर जाने ही नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या यूपी में आम नागरिक के अधिकार छीन लिए गए हैं? क्या यूपी जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की ज़रूरत है?
केंद्रीय मंत्री के आरोपी बेटे ने दी सफाई
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा ने इन आरोपों का खंडन किया है कि वे लखीमपुर खीरी में कारों के उस काफिले में थे जो रविवार को कथित तौर पर किसानों पर चढ़ गई थी. लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. आशीष मिश्रा ने कहा, जो कार्यक्रम हो रहा था वह पिछले करीब 35 वर्ष से आयोजित हो रहा है. हमारी एक परंपरा है कि हमारे जो मेहमान होते हैं, हम उनके लिए दो-तीन वाहन भेजते हैं. महिंद्रा थार (Mahindra Thar) मेरा वाहन था, हमारे एककार्यकर्ता के पास टोयोटा फार्च्यूनर थी और वहां एक छोटी कार भी थी.
उन्होंने कहा, मैं कार में नहीं था. मैं तो बनवीरपुर गांव के अपने पैतृक घर में था जहां एक कुश्ती मुकाबला का आयोजन किया गया था. मैं वहां पर सुबह से इस मुकाबले के खत्म होने तक मौजूद था. आशीष ने कहा, यह सच नहीं है कि फार्च्यूनर ने किसानों को कुचला. सच्चाई है कि हमारे कार्यकर्ता उप मुख्यमंत्री को रिसीव करने गए थे. Thar SUV सामने थी जिस पर लाठी-डंडों और पत्थरों से हमला किया गया. ड्राइवर हरिओम इसमें घायल हुआ था या हो सकता है कि हमले में उसकी मौत भी हो गई हो. हमले में कार ने अपना संतुलन खो दिया और पलट गई. इस तरह किसान कहे जाने वाले ये दो लोग घायल हुए होंगे.
उन्होंने कहा, जो लोग ऐसी चीजें करते हैं, उन्हें किसान नहीं कहा जा सकता. भारत के किसान इतने हृदयहीन और क्रूर नहीं है. कुसूर उन लोगों का है जो किसानों के संगठन की अगुवाई कर रहे है. यह लोकतंत्र है, यहां पर हर किसी को अपनी बात रखने और झंडा लहराने का हक है लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से. हिंसा उस समय भड़की जब विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक ग्रुप ने केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा और यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को रोकने की कोशिश की. प्रदर्शनकारी किसान, केंद्रीय मंत्री मिश्रा के हाल के एक भाषण से बेहद नाराज थे.
गौरतलब है कि यूपी पुलिस ने लखीमपुर हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. यूपी पुलिस ने धारा 302, 120बी और अन्य धाराओं में यह केस दर्ज किया है. लखीमपुर हिंसा में रविवार को 4 किसानों सहित 8 मौत हुई थी. वहीं मंत्री की ओर से भी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है.
The post प्रियंका का ऐलान मंत्री दें इस्तीफा, पीड़ित परिवार से मिले बिना नहीं लौटूंगी appeared first on THOUGHT OF NATION.
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