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अस्थाई भर्ती के सहारे कोरोना से लडऩे की तैयारी, उस पर भी नियम भारी

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सीकर. कोरोना की तीसरी लहर में मजबूत संसाधन जुटाने का दावा करने वाली सरकार की तैयारी फिलहाल कागजों में उलझी हुई है। पिछले महीने सरकार ने सभी जिलों में अस्थाई तौर पर कोविड सहायक व हेल्थ कन्सलटेंट लगाने का दावा किया था। लेकिन प्रदेश के ज्यादातर जिलों में आरक्षण सहित अन्य नियमों के पेंच में यह भर्ती उलझी हुई है। अब तक सीकर, चूरू, करौली, भरतपुर, कोटा, जयपुर, बूंदी व झालावाड सहित अन्य जिलों में कोविड सहायक व हेल्थ कन्सलटेंट की सूची अनलॉक नहीं हो सकी है। भर्ती को लेकर कई नियम पूरी तरह स्पष्ट नहीं होने की वजह से कई जिलों के सीएमएचओ की ओर से लगातार निदेशालय की ओर से मागदर्शन मांगा जा रहा है। अब निदेशालय ने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को भी इस भर्ती में शामिल करने के आदेश दे दिए। जिन जिलों में सूची जारी कर दी गई वहां दस्तावेजों का सत्यापन चुनौती बना हुआ है। इधर, सूची के चक्कर में बेरोजगारों की ओर से लगातार सीएमचओ कार्यालय में चक्कर लगाए जा रहे हैं। लेकिन कोई संतुष्टी पूर्ण जवाब नहीं मिल रहा है। जबकि सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर में पीक के दौरान एक जुलाई तक इस भर्ती को पूरा करने का दावा किया था।इस भर्ती के जरिए ग्राउण्ड पर तैयारी मजबूत करने का दावासरकार का दावा है कि हेल्थ कन्सलटेंट के तौर पर चिकित्सकों को अस्थाई नियुक्ति दी जाएगी। इससे जिन क्षेत्रों में चिकित्सक नहीं है वहां के लोगों को राहत मिल सकेगी। इसके अलावा नर्सिँग डिग्री उत्र्तीर्ण अभ्यर्थियों को ग्रामीण स्तर पर पंचायत स्तर पर शहरी क्षेत्र में वार्ड स्तर पर नियुक्त किए जाने की योजना है। सरकार की योजना के तहत कोविड सहायक के जरिए कोरोना मरीजों की बेहतरी निगरानी का भी तर्क दिया गया है।भर्ती को लेकर अभी से उठने लगे सवालबेरोजगार नर्र्सिग विद्यार्थियों की ओर से कोविड सहायक भर्ती का विरोध करते हुए सवाल भी उठाए जा रहे है। नर्सेज विद्यार्थियों का कहना है कि कोविड सहायक भर्ती संविदा आधार पर निकाली गई है। इनको महज तीन महीने तक ही रखा जाएगा। नर्सेज का कहना है कि मानदेय भी महज 7900 रुपए दिया जाएगा। नर्सेज की ओर से इस भर्ती का विरोध करते हुए स्थायी भर्ती की मांग की जा रही है।
इनका कहना हैकोविड सहायक भर्ती नर्सेज विद्यार्थियों के साथ छलावा है। सरकार को स्थायी भर्ती की तरफ कदम आगे बढ़ाने चाहिए जिससे नर्सिंग क्षेत्र के विद्यार्थियों को स्थायी रोजगार मिल सके और प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का ढ़ाचा और मजबूत हो सके। सरकार को इस साल नर्सिंग क्षेत्र में लगभग रिक्त 15 हजार पदों पर स्थायी भर्ती की विज्ञप्ति जारी करनी होगी।भरत बेनीवाल, अध्यक्ष, नर्सेज भर्ती संघर्ष समिति

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