पंजाब में मुख्यमंत्री पद से कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) ने भले ही 18 सितंबर को इस्तीफा दिया है. लेकिन उनके सीएम पद से हटने की पटकथा पिछले माह 5 अगस्त से ही तैयार हो गई थी, तथा उनके हटने की उल्टी गिनती शुरू हो गयी थी.
5 अगस्त का दिन वह दिन था जब राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) उर्फ पीके ने कैप्टन अमरिंदर सिंह के सलाहकार के रूप में अपना इस्तीफा दिया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार प्रशांत किशोर के कैप्टन अमरिंदर के सलाहकार पद को छोड़ने के पीछे दो वजहें बतायी जा रही हैं.
पहली वजह वे तीन सर्वेक्षण थे जिससे पता चलता है कि कैप्टन अमरिंदर मुख्यमंत्री के रूप में बेहद अलोकप्रिय हो गए थे, तथा दूसरी वजह सिद्धू के साथ कैप्टन की छिड़ी घमासान के बाद से पार्टी दो धड़ों में बंट गयी थी और दोनों धड़े अपने-अपने ढंग से काम करने लगे थे. इस कारण प्रशांत किशोर अपनी रणनीति को लागू नहीं करा सकेंगे.
कैप्टन अमरिन्दर की लोगों के बीच अलोकप्रियता वाले सर्वेक्षणों को लेकर प्रशांत किशोर की कांग्रेस आलाकमान के साथ बैठक में चर्चा भी हुई थी. बताया जाता है उसी समय से सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) और राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कैप्टन अमरिंदर को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से हटाने का फैसला कर लिया था.
उनको यह लग रहा था कि अगर कैप्टन के मुख्यमंत्री रहते पंजाब में होने वाले अगले साल के विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly elections) हुए तो कैप्टन अमरिंदर की अलोकप्रियता का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ेगा. रिपोर्ट्स बताती हैं कि प्रशांत किशोर 2024 के लिए कांग्रेस के साथ काम करने के इच्छुक हैं, लेकिन उन्होंने गांधी परिवार को बताया कि जब तक कुछ महत्वपूर्ण कदम नहीं उठाए जाते, तब तक उनके कांग्रेस में शामिल होने का कोई मतलब नहीं होगा.
अब ऐसा लग रहा है कि इन चालों में से एक, कैप्टन को पंजाब के मुख्यमंत्री की कुर्सी से हटाना था. यानी कैप्टन को यह समझना चाहिये कि उनकी विदाई के पीछे पीके का भी बड़ा हाथ है. यह वही पीके हैं जिन्होंने पंजाब में 10 साल से सूखा झेल रही कांग्रेस को 2017 में सत्ता दिलवायी और कैप्टन अमरिन्दर सिंह को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनने का मौका मिला.
ज्ञात हो पंजाब विधानसभा चुनाव-2022 से करीब छह माह पहले 5 अगस्त को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार प्रशांत किशोर ने अपना पद छोड़ने की इच्छा जताई थी. प्रशांत किशोर ने कैप्टन को लिखा था कि सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के अपने फैसले के मद्देनजर आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियां संभालने में सक्षम नहीं हूं. आपसे अनुरोध करता हूं कि मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए.
The post कैप्टन के इस्तीफ़े के पीछे Prashant Kishor का था खेल? appeared first on THOUGHT OF NATION.
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