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एनकाउंटर की पूरी कहानी, पुलिस कमिश्नर की जुबानी

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हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर वीएस सज्जनार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूरी घटना की जानकारी दी है. बता दें, 27 नवंबर को आरोपियों ने वेटेरनरी डॉक्टर की गैंगरेप के बाद हत्या कर दी थी और उसके शव को जला दिया था.

हैदराबाद में वेटेरनरी डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वाले चारों आरोपी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं. हैदराबाद पुलिस शुक्रवार सुबह चारों आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी.पुलिस आरोपियों की निशानदेही पर वेटेरनरी डॉक्टर का फोन बरामद करना चाहती थी, जिसे आरोपियों ने घटनास्थल के पास ही झाड़ियों में छिपाया था.

पुलिस कमिश्नर की जुबानी

कोर्ट से रिमांड मिलने के बाद पुलिस ने 4 और 5 दिसंबर को आरोपियों से पूछताछ की. 6 दिसंबर की सुबह 5.40 से 6.15 के बीच पुलिस टीम आरोपियों को घटनास्थल पर ले गई थी.पुलिस आरोपियों को लेकर घटनास्थल पर सबूत तलाशने गई थी.

आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस टीम सर्वाइवर दिशा का फोन तलाश रहे थे. इसी दौरान आरोपियों ने पुलिस टीम पर पत्थरों से हमला कर दिया. आरोपियों ने दो जवानों से हथियार छीन लिए और खेतों की ओर भागने की कोशिश की.पुलिस टीम ने आरोपियों को चेतावनी दी और सरेंडर करने के लिए कहा.इसके बावजूद आरोपी पुलिस टीम पर फायरिंग करते रहे.जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी फायरिंग की, जिसमें चारों आरोपी मारे गए.इस दौरान पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर और एक सिपाही को चोटें आई हैं.

पुलिस ने बताया कि सबसे पहले आरोपी आरिफ ने पुलिस टीम पर हमला किया. जिसके बाद अन्य आरोपियों ने भी ऐसा ही करने की कोशिश की. पुलिस ने पहले आरोपियों को चेतावनी दी, जिसके बाद गोली चलाई गई. सुबह करीब 5:40 से लेकर सवा बजे के बीच एनकाउंटर हुआ. पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीने और भागने की कोशिश की. इस एनकाउंटर में एक कॉन्स्टेबल और एक सब इंस्पेक्टर घायल हुए हैं.

पुलिस कमिश्नर ने कहा अचानक से दो आरोपियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार छीन लिए और भागने लगे. पुलिस ने उनका पीछा किया, लेकिन उन्होंने फायर करना शुरू कर दिया. पुलिस ने उन्हें सरेंडर करने की चेतावनी दी थी. बाद में जवाबी कार्रवाई में चारों आरोपी मारे गए.

हैदराबाद में महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के सभी चारों आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत के बाद लोग पुलिस के समर्थन में सामने आए हैं, वहीं इस एनकाउंटर की जांच की मांग भी उठ रही है.

हैदराबाद एनकाउंटर पर कई लोग सवाल भी खड़े कर रहे हैं. खुद बीजेपी सांसद मेनका गांधी ने इस एनकाउंटर को गलत बताया है. उन्होंने कहा- उन्हें इस जघन्य अपराध के लिए फांसी की सजा मिलनी चाहिए थी. लेकिन आप बंदूक उठाकर किसी को इसलिए नहीं मार सकते हैं क्योंकि आप चाहते हैं. उन्हें कानून के तहत ही सजा मिलनी चाहिए. क्योंकि कानून का प्रोसेस काफी धीमा है तो आप किसी को मार नहीं सकते हैं. जो भी हुआ है वो काफी खतरनाक है.

निर्भया की मां ने कहा, ‘मैं चारों आरोपियों को मिली सजा से काफी खुश हूं. पुलिस ने काफी अच्छा काम किया. मेरी मांग है कि पुलिसकर्मियों के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जाना चाहिए. मेरी बेटी के दोषियों को भी मौत की सजा देनी चाहिए.

Asha Devi, Nirbhaya’s mother on all four accused in rape&murder of woman veterinarian in Telangana killed in encounter: I am extremely happy with this punishment.Police has done a great job & I demand that no action should be taken against the police personnel. pic.twitter.com/frL3sRqcD6— ANI (@ANI) December 6, 2019समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, हैदराबाद पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी एनकाउंटर स्थल पर पहुंचे थे. पुलिस का कहना है कि चारों आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाया गया था, जहां इन लोगों ने महिला डॉक्टर की बलात्कार के बाद हत्या कर दी थी. इस दौरान चारों भागने की कोशिश करने लगे और पुलिस की फायरिंग में मारे गए. हैदराबाद के साइबराबाद पुलिस कमिश्नर वीसी सज्जनार ने कहा कि यह घटना शुक्रवार तड़के तीन बजे से छह बजे के बीच की है.

सज्जनार ने एएनआई से कहा, ‘सभी आरोपी मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा और चेन्नाकेशवुलु शुक्रवार तड़के तीन से छह बजे के बीच शादनगर के चतनपल्ली के पास पुलिस एनकाउंटर में मारे गए.

वहीं, वंचित बहुजन अघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने हैदराबाद पुलिस के खिलाफ जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, ‘सभी आरोपी थे, न कि दोषी. एक ऐसी ही घटना छत्तीसगढ़ में भी हुई थी, जहां 36 लोगों को नक्सली बताकर मार दिया गया था, जबकि वे नक्सली नहीं थे.

वेटेरनरी डॉक्टर की झुलसी हुई बॉडी हैदराबाद-बेंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक पुलिया के पास 28 नवंबर को मिली थी, जो उस टोल प्लाजा से करीब 25 किलोमीटर दूर है, जहां वह आखिरी बार देखी गई थी. जब महिला डॉक्टर (27 नवंबर की शाम) शमशाबाद टोल गेट पर आई और उसने वहां अपनी स्कूटी खड़ी की, तभी नशा करने वाले चारों आरोपियों ने डॉक्टर को देखा. उन्होंने उसी वक्त डॉक्टर का रेप करने का फैसला किया. तभी उन्होंने महिला डॉक्टर की स्कूटी का टायर पंक्चर करने और फिर मदद का दिखावा करने की साजिश रची.

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