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कोविड प्रबंधन में लगे कार्मिकों में संक्रमण का खतरा

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मूंडरू . राज्य सरकार ने कोरोना की चेन तोडऩे के लिए गांवों में कोर कमेटियां गठित कर डोर टू डोर सर्वे व अन्य कार्य करवा रही है। लेकिन कमेटी में शामिल कर्मियों की सुरक्षा के लिए संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए, जबकि सर्वे का काम करते हुए एक माह का समय बीत गया है। कोर कमेटी के कार्मिकों ने कहा कि उनके पास एन-95 मास्क, सेनेटाइजर व फेसशील्ड नहीं है। वे डोर टू डोर सर्वे तो कर रहे हंै, लेकिन उन्हें संक्रमण का खतरा है। उधर चिकित्सा विभाग व प्रशासनिक अधिकारी दावा कर रहे है कि कार्मिकों को संबन्धित विभागों द्वारा सुरक्षा के संसाधन उपलब्ध कराए गए हंै। इसके अलावा पीएचसी व सीएचसी स्तर पर भी इन संसाधनों की व्यवस्था कर रखी है। वहीं कार्मिकों का कहना है कि उनके पास विभाग से कोई संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए। साथ ही पीएचसी व सीएचसी में संसाधन उपलब्ध होने की जानकारी भी नहीं दी गई। आंगनबाड़ी के कार्मिकों का कहना है कि सरकार द्वारा ली जाने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंस में कार्मिकों ने संसाधन देने की मांग भी उठाई थी। इस काम में लगे कार्मिकों को खुद के पैसे से सुरक्षा उपकरण खरीदकर काम करना पड़ रहा है। सरकार ने ग्राम पंचायतों में पिछले साल अप्रेल में ग्राम पंचायत स्तर पर एक-एक कोर कमेटी गठित की थी, जिनमें बूथ लेवल अधिकारी, पंचायत प्रसार अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी, सहायिका, एएनएम, पटवारी, ग्राम विकास अधिकारी, कृषि पर्यवेक्षक, सरपंच, कनिष्ठ लिपिक व अन्य कार्मिकों को शामिल किया गया था। कोरोना काल में कोर कमेटी के सदस्य घर-घर सर्वे करने और बुखार, खांसी, जुकाम के लक्षण वाले रोगियों की पहचान करने में लगे हैं। साथ ही कंटेनमेंट जोन के किसी भी परिवार या सदस्य को अतिआवश्यक वस्तुओं, खान-पान की जरूरत की वस्तुओं की जरूरत पडऩे पर उपलब्ध कराने, शादी समारोह, सामाजिक , धार्मिक कार्यक्रम, वैक्सीनेशन तथा आइएलआई सर्वे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसमें ये कार्मिक अपनी सभी परेशानियों को भूलकर काम में जुटे हैं। गौरतलब है कि इन सब कामों को करते हुए इन कार्मिको को जहां रोजाना बड़ी संख्या में व्यक्तियों के संपर्क में आना पड़ता है, वहीं सरकारी गाइड लाइन का बखान भी करना पड़ता है। मगर उनकी व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किसी प्रकार के कोई संसाधन प्रशासन द्वारा उपलब्ध नहीं करवाए गए हैं।इनका कहना है…विभाग के स्तर पर जितने सेनेटाइजर व मास्क आ रहे हंै वे नियमित कार्मिको में वितरित हो रहे हैं। साथ ही मास्क सेनेटाइजर आदि भामाशाहों के सहयोग से बटवाएं भी जा रहे हंै। फिर भी कार्मिको के पास नहीं आये है तो उन्हें उपलब्ध कराए जाएंगे। मेडिकल विभाग के जरिये मास्क आदि उपलब्ध है। महिपाल सिंह राजावत, तहसीलदार, श्रीमाधोपुरसम्बंधित विभाग से कार्मिकों को संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इसके अलावा प्रत्येक पीएचसी व सीएचसी पर मास्क व सेनेटाइजर की व्यवस्थाएं है। वहां से कार्मिक प्राप्त करें। कार्मिक बिना अपनी सुरक्षा के फील्ड में सर्वे के लिए नहीं जाए। कार्मिको को यह सख्त आदेश दिए गए है। -डा. ज्योति प्रकाश सैनी बीसीएमएचओ

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