नीमकाथाना. रक्त की जरूरत कब किस को पड़ जाए, कहा नहीं जा सकता। क्या पता खून की कुछ बूंदें किसी जरूरतमंद की सांसों को थमने से रोक दें। इसी के लिए क्षेत्र के लोगों में रक्तदान करने का काफी उत्साह देखने को मिलता है। इसी का परिणाम है कि नीमकाथाना ने राजस्थान में अपनी अलग ही पहचान भी बना रखी है। यहां से हर वर्ष जयपुर व सीकर के कई अस्पताल की ब्लड बैंकों में पहुंचने वाले हजारों ब्लड यूनिट से काफी लोगों की जान बचाई जा रही है। कस्बे में कई सामाजिक संस्थानों की ओर से लगाए जाने वाले शिविरों में लोग बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। यही नहीं कस्बे में एक संस्था द्वारा लगाए जाने वाले विशाल शिविर में तो लोग परिवार के साथ रक्तदान करने पहुंचते हैं। लेकिन विडंबना है कि इलाके से प्रत्येक वर्ष हजारों यूनिट ब्लड संग्रहित होने के बावजूद सरकार यहां पर ब्लड बैंक बनाने को लेकर ध्यान नहीं दे रही है। कस्बे के राजकीय कपिल अस्पताल में सीकर, झुंझुनंू व हरीयाणा राज्य के मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। ब्लड की मरीजों के परिजनों को अपने स्तर पर सीकर या अन्य जगह से व्यवस्था करनी पड़ती है। अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार लैबर रूम में जनवरी 2021 से लेकर 23 सितंबर 2021 तक 176 प्रसूताओं को ब्लड यूनिट तो चढ़ा दिया गया। मगर, उनके परिजनों को ब्लड की व्यवस्था करने में कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ा वह जिम्मेदारों से छीपी हुई नहीं है।भले ही सरकार ने राजकीय कपिल अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा देकर यहां चिकित्सकों के पद बढ़ा दिए हो, लेकिन अस्पताल में ब्लड बैंक की सबसे बड़ी समस्या खलल रही है। क्षेत्रवासियों की मांग है कि सरकार अस्पताल में जल्द से जल्द ब्लड बैंक खोलने की घोषणा करें। ताकि यहां की जनता को ब्लड के लिए जयपुर व सीकर नहीं भटकना पड़े।रक्त के लिए आठ माह से जूझ रहे थे मरीजकपिल अस्पताल में स्थित ब्लड स्टोरेज सेंटर का अनुमति पत्र 15 जनवरी 2020 तक ही नवीनीकृत होने से पिछले सात माह से अस्पताल में प्रसूताओं को रक्त के लिए जूझना पड़ रहा था। हालांकि परिजन सीकर, कोटपूतली व जयपुर से ब्लड की व्यवस्था कर प्रतिदिन चढ़वा रहे थे। लेकिन अब फिर से अनुमति पत्र नवीनीकृत होने से फिर से सेंटर में 10 ब्लड यूनिट रखना शुरू कर दिया गया है।झुंझुनूं जिला से पहुंची 39 प्रसुताएंअस्पताल में जनवरी से 23 सितंबर तक 168 प्रसूताओं को चढ़ाई गई ब्लड यूनिअ में 39 प्रसूताएं झुंझुनंू जिला की निवासी है। बाकि 136 सीकर व अन्य जिलो की प्रसूताएं शामिल है। सबसे ज्यादा जुलाई माह में 44 प्रसूताओं को ब्लड यूनिट चढ़ाया गया।वर्तमान में अस्पताल में ब्लड स्टोरेज सेंटर स्थापित है। जरूरत पडऩे पर प्रसूताओं को तुरंत ब्लड उपलब्ध करवाया दिया जाता है।डॉ जीएस तंवर, पीएमओ, राजकीय कपिल जिला अस्पताल, नीमकाथाना
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