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छात्रसंघ चुनाव : कॉलेज में सक्रिय रहे, राजनीति में भागीदारी नगण्य!

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बाड़मेर. जिले के सबसे बड़े राजकीय पीजी महाविद्यालय में 27 अगस्त को छात्रसंघ चुनाव Student union election होने हैं। चुनाव को लेकर छात्र संगठनों ने अपने-अपने प्रत्याशी घोषित कर प्रचार शुरू कर दिया है। यहां छात्र संगठनों के साथ सीधे तौर पर तो नहीं, लेकिन अप्रत्यक्ष राजनीतिक दल भी जुड़े हुए हैं। छात्रसंघ चुनाव राजनीति में प्रवेश की पहली सीढ़ी माना जाता है। इसको लेकर छात्र नेता वर्ष भर कॉलेज में समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर राजनीति में आने के लिए सक्रिय भूमिका निभाते हैं।
स्थानीय पीजी कॉलेज में वर्ष1965 में पहली बार छात्रसंघ चुनाव हुए थे। अब तक यहां 31 विद्यार्थी छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर रह चुके हैं। लेकिन पीजी कॉलेज के छात्रसंघ अध्यक्ष राजनीति में बड़े स्तर पर मुकाम हासिल नहीं कर पाए हैं। केवल तीन-चार अध्यक्ष ही सरपंच, पार्षद बन पाए। वहीं राज्य व जिला स्तर पर की राजनीति में छात्र नेताओं की भागीदारी हाशिए पर है। छात्र राजनीति में सक्रियता निभाने वाले नेताओं की राजनीति में भागीदारी नगण्य है।—-
एक नजर छात्रसंघ अध्यक्षकुचटाराम मेघवाल (2001-02)
छात्र राजनीति के बाद : जेएनवीयू में एसोसियेट प्रोफेसर पद पर कार्यरत रहे। लेकिन राजनीति में छात्र राजनीति के बाद कोई सक्रियता नजर नहीं आई।अखेसिंह भाटी (2002-03)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद राजनीति में निष्क्रिय, खुद का व्यवसाय शुरू किया। अब ठेकेदारी कर रहे हैं।नरेश देव सारण (2004-05)
छात्र राजनीति के बाद : एनएसयूआई से छात्रसंघ अध्यक्ष बने। उसके बाद कांग्रेस में सक्रिय हैं। फिलहाल नगर परिषद में पार्षद हैं।राजपाल मेघवाल (2010-11)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ चुनाव के बाद अध्ययनरत हैं। राजनीति में सक्रिय नहीं रहे।प्रमोद चौधरी (2011-12)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ चुनाव के बाद राजनीति में सक्रिय नहीं है। वर्तमान में ठेकेदारी कर रहे हैं।रघुवीरसिंह तामलोर (2012-13)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद छात्र व युवा राजनीति में सक्रिय नजर आ रहे हैं। हालांकि मूल राजनीति की बजाय खुद का व्यवसाय कर रहे हैं।छगन मेघवाल (2013-14)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद राजनीति में सक्रिय हैं। वर्तमान में पंचायत समिति के सदस्य हैं।नरपतराज मूंढ़ (2014-15)
छात्र राजनीति के बाद : एबीवीपी संगठन में तीन साल लगातार प्रदेश स्तर पर पदाधिकारी। उसके बाद भाजपा में सक्रियता। वर्तमान में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष हैं।भूराराम गोदारा (2015-16)
छात्र राजनीति के बाद : छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद एनएसयूआई में सक्रियता। वर्तमान में एनएसयूआई संगठन में प्रदेश स्तर पर पदाधिकारी हैं।विजयराज सहारण (2016-17)
छात्र राजनीति के बाद : एबीवीपी संगठन से अध्यक्ष बने। उसके बाद संगठन में सक्रिय हैं। वर्तमान में अध्ययन पर ध्यान दे रहे हैं।गजेन्द्रसिंह गोरडिय़ा (2017-18)
अब क्या स्थिति : एबीवीवी संगठन से अध्यक्ष बने। उसके बाद छात्र राजनीति में सक्रिय हैं।जगदीश पूनिया (2018-19)
अब क्या स्थिति : वर्तमान में छात्रसंघ अध्यक्ष हैं। छात्र राजनीति में सक्रियता भूमिका निभा रहे हैं।—-

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