अन्ना हजारे (Anna Hazare) ने हाल ही में महाराष्ट्र सरकार को लेकर एक बयान दिया है. अन्ना हजारे ने यह बयान मंदिरों को फिर से नहीं खोलने के महाराष्ट्र सरकार के रुख पर सवाल उठाते हुए दिया है. अन्ना हजारे ने कहा है कि अगर मंदिरों पर से प्रतिबंध हटाने के लिए आंदोलन किया जाता है तो वह उसे अपना पूरा समर्थन देंगे.
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार के मंदिरों को फिर से खोलने से इंकार करने पर सवाल उठाया है. अन्ना हजारे ने इसके लिए शराब की दुकानों के बाहर लगी लंबी कतार की ओर इशारा करते हुए सरकार पर सवाल उठाए हैं. शनिवार को अन्ना हजारे ने कहा कि मंदिरों को फिर से खोलने की मांग करने वाले कुछ लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने उनसे मुलाकात की थी.
उन्होंने कहा राज्य सरकार मंदिर क्यों नहीं खोल रही है? अन्ना हजारे ने कहा कि अगर कोविड करण है मंदिरों को नहीं खोलने का, तो फिर शराब की दुकानों के बाहर बड़ी कतारें क्यों है? बता दें कि अन्ना हजारे का यह बयान सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को लेकर आया है. बीजेपी शासित राज्यों में भी शराब की दुकानें खुली हुई हैं और मंदिरों को खोलने का फैसला लेट लिया गया या अभी भी कई जगह नहीं लिया गया है. लेकिन उस पर अन्ना हजारे ने चुप्पी साधी है.
अन्ना हजारे द्वारा देश के कई ज्वलंत मुद्दों पर चुप्पी साध लेने और बीजेपी और आरएसएस जिस मुद्दे पर गैर बीजेपी शासित राज्यों में राजनीति करती हैं, उसी मुद्दे पर अन्ना हजारे का यह बयान कई सवाल कर खड़े कर रहा है. इसी को लेकर पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने भी ट्वीट किया है उन्होंने लिखा है कि, सुने हैं अन्ना हजारे जग गए हैं. मंदिर का ताला खुलवाने को. गरीबों के पेट पर ताला लगा है. उसकी उन्हें फिक्र नहीं.
सुने हैं अन्ना हजारे जग गए हैं।मंदिर का ताला खुलवाने को!
गरीबों के पेट पर ताला लगा है उसकी उन्हें फिक्र नहीं!
— Pappu Yadav (@pappuyadavjapl) August 30, 2021
आपको बता दें कि कांग्रेस की सरकार में पूरे देश के अंदर बड़ा आंदोलन खड़ा करने वाले अन्ना हजारे 2014 में बीजेपी की सरकार आने के बाद से ही खामोश हैं. चाहे बेरोजगारी का मुद्दा हो या फिर ऑक्सीजन की कमी से लाखों जिंदगी यों के खत्म हो जाने का मुद्दा हो, अन्ना हजारे ने इन सब मुद्दों पर बीजेपी की सरकार में चुप्पी साध रखी है.
भ्रष्टाचार और लोकपाल के नाम पर कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन खड़ा करने वाले अन्ना हजारे अब लोकपाल पर भी बात नहीं करते. जिस लोकपाल की वह बात करते थे ऐसा लोकपाल आज तक सरकार की तरफ से लागू नहीं किया गया. लेकिन अन्ना हजारे इसकी मांग अब बिल्कुल नहीं करते. भ्रष्टाचार के मुद्दों पर भी खामोशी अख्तियार किए रहते हैं.
बता दें कि कोरोनावायरस का खतरा अभी टला नहीं है. लगातार केस बढ़ रहे हैं. इसी को देखते हुए कई राज्यों ने अभी मंदिर के अंदर भारी भीड़ इकट्ठा ना हो इसको लेकर सतर्कता बरती हुई है. क्योंकि यह फैसला लोगों के हित से जुड़ा हुआ है, लोगों की जिंदगी से जुड़ा हुआ है. वायरस की दूसरी लहर में देश काफी संकट से जूझ रहा था. इसी को देख कर राज्य सरकारें सहूलियत के हिसाब से फैसले ले रही हैं.
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