जनता से जुड़े हुए मुद्दों और केंद्र की मोदी सरकार तथा बीजेपी शासित राज्यों की सरकारों की नाकामियों पर मीडिया तथा गोदी पत्रकार चुप्पी साध लेते हैं. बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से सवाल करने की हिम्मत मीडिया चैनल्स और गोदी पत्रकार नहीं दिखा पाते.
खास तौर पर बात उत्तर प्रदेश की करे तो जनता से जुड़े हुए तमाम मुद्दे हैं जिसको लेकर मीडिया चैनल्स तथा गोदी पत्रकारों की खामोशी कई सवाल खड़े कर रही है. महामारी के दौर में उत्तर प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था रही हो या फिर ऑक्सीजन की किल्लत से जाती जानों का मामला रहा है मीडिया ने और गोदी पत्रकारों ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सवाल करने की हिम्मत नहीं दिखाई.
अब उत्तर प्रदेश में रहस्यमई बुखार ने लोगों को मुश्किल में डाल दिया है लेकिन इस मामले पर मीडिया सरकार की जवाबदेही तय करते हुए दिखाई नहीं दे रहा है मुख्यमंत्री की जवाबदेही तय करके सवाल करते हुए दिखाई नहीं दे रहा है. उत्तर प्रदेश में रहस्यमई बुखार से पिछले 10 दिन में लगभग 100 मौतें हुई हैं.
स्थानीय अखबारों से जो सूचना आ रही है उसके हिसाब से हर जिले में 500 मरीज मिल रहे हैं. लेकिन इतने गंभीर मामले पर मीडिया में सन्नाटा है. मीडिया चैनल्स तथा गोदी पत्रकार इस पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं, दरकिनार करने में लगे हुए हैं. इसी को लेकर उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया की उपाध्यक्ष पंखुड़ी पाठक (Pankhuri Pathak) ने सवाल किया है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया की उपाध्यक्ष पंखुड़ी पाठक (Pankhuri Pathak) ने मीडिया चैनल्स और गोदी पत्रकारों को ललकारते हुए ट्वीट किया है पंखुड़ी पाठक ने लिखा है कि, कितने घरों के चिराग बुझ गए, कितने घरों में मातम छा गया है. किसी मीडिया चैनल या गोदी पत्रकार में हिम्मत जो इसपर सवाल करे उत्तर प्रदेश सरकार और योगी जी से?
कितने घरों के चिराग बुझ गए, कितने घरों में मातम छा गया …है किसी मीडिया चैनल या गोदी पत्रकार में हिम्मत जो इसपर सवाल करे उत्तर प्रदेश सरकार और योगी जी से ? pic.twitter.com/PVfHIksLgY
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) September 2, 2021
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार विज्ञापनों और होर्डिंग्स के जरिए उत्तर प्रदेश को हर मामले में नंबर वन बता रही है. आने वाले कुछ ही महीनों में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो इसकी हालत दयनीय बनी हुई है. उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का भी यही हाल है. लेकिन मीडिया चैनल और गोदी पत्रकार उत्तर प्रदेश सरकार की जवाबदेही तय करने से बच रहे हैं या फिर डर रहे हैं.
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