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हंगामे की भेंट चढ़ी साधारण सभा

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सीकर. रेलवे सामुदायिक भवन में बुधवार को सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक की वार्षिक साधारण सभा हंगामे की भेंट चढ़ गई। जिला कलक्टर की मौजूदगी में सदस्यों ने सीधे तौर पर रींगस के गबन प्रकरण, बैंक की ऑडिट जैसे गंभीर मुद्दों पर बैंक प्रबंधन से घेरा। सदन में वरिष्ठ सहकारी नेता भानाराम शेषमा ने तो यहां तक कह दिया कि 11 करोड के गबन के प्रकरण में पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद प्रबंधन की शह के कारण मुख्य आरोपी नियमित रूप से बैंक में खुलेआम घूमता है सदस्यों ने बैंक के प्रशासक सीआर मीना से मुख्य आरोपी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी करवाने की मांग तक की। इस पर कलक्टर ने सदस्यों को मामले में जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया। इससे बाद सदस्य शांत हुए। इस दौरान जिले की सहकारी संस्थाओं के जनप्रतिनिधि और सहकारी बैंक के अधिकारी मौजूद रहे।ऑडिट पर भी उठा सवालसहकारी बैंक की रींगस शाखा में फरवरी 2018 में जांच हुई थी। इस दौरान जांच कर्ताओं ने तत्कालीन ऑडिट कम्पनी की लापरवाही को गबन का कारण माना था। पटवारी का बास ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष सांवरमल चौधरी ने बताया कि पांच साल से चल रहे गबन के खेल को ऑडिट कंपनी ने गंभीरता से लिया इस कारण मामला सामने नहीं आयाऔर अब इस ऑडिट कंपनी की सहायक कंपनी को फिर से बैंक की ऑडिट का जिम्मा दिया गया है। इस पर बैंक प्रबंधन भी निरूउत्तर हो गया। इन समस्या पर भी चर्चासहकारी फसली ऋण के लिए ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना को लेकर समिति स्तर पर होने वाली समस्याओं की भी चर्चा की गई। सभा के दौरान सदस्यों ने बैंक का पिछले वर्ष का लाभ-हानि खाता व वार्षिक बजट का अनुमोदन किया। ब्लॉक कांग्रेस सहकारिता प्रकोष्ठ धोद के अध्यक्ष करणी सिंह सेवदा की ओर से फसली ऋण वितरण व्यवस्था में सुधार के लिए सहकारी बैंक के महाप्रबंधक को ज्ञापन दिया गया। ज्ञापन में नई ऋण नीति के कारण सदस्यों को होनेपरेशानी, ऑनलाइन की अनिवार्यता के कारण पैक्स और लैम्पस की परेशानियों के भौतिक सत्यापन, पूर्व में जारी किसानों की साख सीमा को निरस्त करने और नई साख सीमा स्वीकृत करने की व्यवस्था, पंजीयन शुल्क का प्रावधान करने, अधिकतम 50 हजार रुपए के फसली ऋण सीमा को हटाने सहित अन्य समस्याओं को बैंक प्रबंधन ने सही माना और उच्चाधिकारियों तक भेजने का आश्वासन दिया। इनका कहना हैरींगस प्रकरण की ऑडिट के दौरान गबन सामने आया था। मामले में दोषी को निलम्बित कर दिया है। रजिस्ट्रार के पास विचाराधीन है। बीएल मीना, प्रबंध निदेशक, सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक

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