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नागरिकता संशोधन बिल पर आक्रामक हुआ विपक्ष,अब सुप्रीम कोर्ट से आस

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नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा से पास हो गया है लेकिन इसका विरोध कर रहे नेताओं ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. विपक्षी दलों की दलील रही है कि नागरिकता संशोधन बिल संविधान के आदर्शों के खिलाफ है. मगर बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ऐसे आरोपों को साफ खारिज कर रही है.

लोकसभा से नागरिकता संशोधन विधेयक पास हो जाने के बाद आज राहुल गांधी ने ट्वीट किया है-नागरिकता संशोधन विधेयक भारतीय संविधान पर हमला है. जो भी इसका समर्थन करता है वो हमारे देश के आधार पर हमला कर रहा है और उसे खत्म करने की कोशिश कर रहा है.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जवाहर लाल नेहरू के आजादी की पहली रात वाले भाषण के अंदाज में ट्वीट कर लिखा है- बीती रात को आधी रात में नागरिकता संशोधन विधेयक पास होने के साथ ही भारत ने कट्टरता और संकुचित मानसिकता के साथ हाथ मिला लिया. हमारे पुरखों ने आजादी के लिए जान की बाजी लगा दी. हमारी आजादी की लड़ाई में हमने समानता का अधिकार और धार्मिक आजादी के अधिकार को स्वीकारा था.

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वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने भी नागरिकता संशोधन बिल का विरोध किया है. चिदंबरम ने लिखा- नागरिकता संशोधन बिल असंवैधानिक है. संसद एक विधेयक पारित करती है जो स्पष्ट तौर पर असंवैधानिक है, जिसके बाद युद्ध का मैदान उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित हो जाता है.

AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विधेयक का विरोध करते हुए लोकसभा में नागरिकता संशोधन बिल की कॉपी फाड़ दी. उन्होंने इस बिल के पास होने के बाद इसके विरोध में लिखा है कि आधी रात के साथ जब दुनिया सो रही थी. भारत ने अपने आदर्शों आजादी, समानता, बंधुत्व और न्याय के साथ दगाबाजी की है. मैंने इसके खिलाफ जमकर लड़ाई लड़ी है और मैं हर भारतीय से वादा करता हूं कि ये लड़ाई खत्म नहीं हुई है.

वही जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने निराशा जाहिर करते हुए कहा कि यह विधेयक लोगों से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है.देर रात लोकसभा में विधेयक पर मतदान होने के बाद जब वह पारित हो गया तब किशोर ने ट्वीट किया कि विधेयक पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता.

प्रशांत किशोर के बाद पवन वर्मा ने भी इस बिल का विरोध किया है और नीतीश कुमार से फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है. जेडीयू प्रवक्ता पवन कुमार वर्मा ने मंगलवार इस बारे में ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, मैं नीतीश कुमार से अपील करता हूं कि राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल (CAB) पर समर्थन पर दोबारा विचार करें.ये बिल पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश की एकता के खिलाफ है.ये बिल जेडीयू के मूल विचारों के भी खिलाफ हैं, गांधी जी इसका पूरी तरह से विरोध करते.

CAB पर असम से लेकर संसद तक मचा बवाल.

नॉर्थ ईस्ट के राज्यों खासतौर पर असम में इस बिल को लेकर भारी प्रदर्शन हो रहे हैं. सोमवार की तरह मंगलवार को भी कई संगठनों ने बंद बुलाया है. असम के अलावा त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं.

एक तरफ जहां नॉर्थ ईस्ट में डेमोग्राफी और रोजगार पर पैदा होने वाले खतरे को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई बड़े राजनीतिक दल धर्म नरपेक्षता को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन दलों का कहना है कि इस बिल में मुस्लिमों को राहत नहीं दी गई है और बाकी सभी धर्मों को शामिल किया गया है. संसद परिसर में इस बिल के विरोध में मंगलवार को भी विरोध प्रदर्शन हुआ.

Thought of Nation राष्ट्र के विचार
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