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ऑफलाइन को चैलेंज कर रहा ऑनलाइन फूड ऑर्डर सिस्टम

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जोधपुर. भूख लगी है या फिर घर पर खाना बनाने का मूड नहीं है। दोस्त-परिचितों को अच्छे रेस्टोरेंट का भोजन कराना है तो इमरजेंसी में बाहर का खाना खाने की नौबत आए, तो किसी भोजनालय या होटल में जाना पड़ता था लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब तो घर बैठे ही एक क्लिक पर मनचाहे रेस्टोरेंट का खाना मिल जाएगा। वह भी कुछ मिनटों में, अब सनसिटी में भी ऑनलाइन फूड का क्रेज बढ़ा है। पहले यह यूथ तक सीमित था लेकिन अब हर उम्र के लोगों की पसंद है। शहर में इस समय जोमेटो, उबरइट्स, स्विगी जैसी कई कम्पनियां एक्टिव है जो ग्राहकों तक फूड डिलीवर करने का काम करती है बदलते में फूड शॉप से निर्धारित कमीशन लेती है।
400 के लगभग फूड शॉप 10 हजार के करीब ऑर्डरशहर में वर्तमान में लगभग 350 से 400 के करीब छोटे बड़े रेस्टोरेंट ऑनलाइन फूड डिलीवर करने वाली कम्पनियों से जुड़े हैं। प्रतिदिन दस हजार से अधिक ऑर्डर मिल रहे हैं, इसमें स्कूल-कॉलेज से लेकर, ऑफिस वर्क करने वाले भी शामिल हैं। ऑर्डर करने के महज कुछ ही मिनटों में ग्राहक के पास फूड डिलीवर हो जाता है। खास बात यह है कि शहर के किसी भी कोने में स्थित पसंद की फूड शॉप से खाना मंगवाकर ऑर्डर कर सकते हैं।
लेकिन यह नुकसान भीजोधपुर खानपान के लिए मशहूर है। इसके चलते कई रेस्टोरेंट एवं फूड आइट्म्स बनाने वाले रेस्टोरेंट एवं होटल भी निरंतर खुल रहे हैं, लेकिन ऑनलाइन ऑर्डर से कस्टमर एवं सेलर के बीच रिश्तों पर असर पड़ रहा है। वहीं फूड आइट्म्स की क्वालिटी पर भी इफैक्ट पड़ता है। कई बार घटिया खाने की शिकायतें भी सामने आई है। गौरतलब है कि मुम्बई, दिल्ली, कोलकता के रेस्टोरेंट तो ऑनलाइन के विरोध में ऑफलाइन फूड के नाम से एक अभियान भी चला रहे हैं।
शॉप ऑनर व कस्टमर की राय
ग्राहक के लिए अच्छा
ऑनलाइन फूड डिलीवर सिस्टम ग्राहक के लिए तो अच्छा है, लेकिन लोकल बिजनेस के लिए अच्छा नहीं का जा सकता है। कई बार ऑनलाइन में प्रोफेशनल सप्लायर्स नहीं होने से भी फूड की क्वालिटी पर इफेक्ट पड़ता है। साथ ही ग्राहकों के साथ जुड़ाव खत्म हो रहा है।अनंत गोयल, फूड लवर
दोनों के लिए फायदेमंद
समय के साथ तकनीक भी आगे बढ़ रही है और तकनीक के साथ चलना ही समझदारी है। ऑनलाइन सिस्टम कहीं न कहीं कस्टमर एवं सेलर दोनों के लिए ही फायदेमंद है। इससे बिजनेस भी बढ़ता है वहीं कस्टमर को भी घर बैठे एक ऑर्डर पर फूड सप्लाई हो जाता है।भावेश डोलवानी, ज्यूस शॉप ऑनर
पसंद की शॉप चुनने में स्वतंत्र
ऑनलाइन फूड डिलीवर कम्पनियों के माध्यम से रेस्टोरेंट की सेलिंग बढ़ी है। रेस्टोरेंट को भी इससे काफी पहचान मिली है। इसलिए मेरी नजर में यह एक बेहतर मंच है। बाकी ग्राहक अपनी पंसद की शॉप चुनने के लिए तो स्वतंत्र है ही।कन्हैया प्रजापत, फूड शॉप ऑनर
समय में बचत
कई बार कस्टमर के पास समय नहीं होता वहीं रेस्टोरेंट में भी भीड़ के चलते प्र्याप्त सिटींग अरेंजमेंट नहीं होता है। ऐसे में घर बैठकर भी ग्राहक अपने पसंद का फूड ऑर्डर कर सकते हैं। इसमें समय की भी बचत होती है।अभिनव शर्मा, रेस्टारेंट ऑनर
रेस्टोरेंट में खाने की मजा ही अलग
आज हर टेक्नोलोजी की तरह इसके भी फायदे और नुकसान दोनों है। आपकी अंगुलियों के इशारे पर आप अपने मूड के अनुसार कुछ भी ऑर्डर कर सकते हैं पर जो मजा रेस्टोरेंट में बैठकर एवं गरमा गरम डिश खाने में है वो कहीं न कहीं मिस हो ही जाता है।जीनियस जैन, फूड एक्सपर्ट

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