सीकर.विधानसभा चुनाव से लेकर बजट में बेरोजगार के लिए हर बार लुभावनी घोषणाएं होती रही है। लेकिन इस बार सरकार की घोषणा कोरोना के फेर में पूरी तरह उलझ गई है। सरकार ने इस बजट में बेरोजगारों को भत्ते के साथ स्किल बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने का भी वादा किया था। लेकिन जुलाई महीने तक प्रदेश के ज्यादातर जिलों में प्रशिक्षण की व्यवस्था शुरू नहीं हो सकी है। इसका प्रदेश के दस लाख से अधिक बेरोजगारों को इंतजार है। दूसरी तरफ ऐसे भी हजारों युवा है जो भत्ते के लिए ऑनलाइन आवेदन कर चुके है। लेकिन अभी तक उनके आवेदन फार्म की जांच ही नहीं हुई है। दूसरी तरफ विभाग का दावा है कि इस योजना में 1.50 लाख बेरोजगारों की लिमिट तय है। इसके आधार पर ही एक समय में डेढ़ लाख लोगों को ही भत्ता दिया जा सकता है।————————–सरकार ने बजट में यह की थी घोषणामुख्यमंत्री ने इस बजट में बेरोजगारों के लिए प्रशिक्षण की घोषणा की थी। इसमें बताया कि बेरोजगारों को विभिन्न ट्रेड का तीन महीने तक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इस दौरान विभिन्न सरकारी विभागों में रोजाना चार घंटे की इंटर्नशिप कराने की बात भी कही गई। सरकार ने दावा किया कि इस योजना के लागू होने के बाद प्रदेश के दो लाख युवाओं को फायदा मिल सकेगा। यह योजना अपे्रल महीने से शुरू होनी थी, लेकिन अब तक लागू नहीं हुई।
बेरोजगारों का दर्द:
केस एक: आवेदन फार्म ही लंबित, कैसे मिलेगी राहतजयपुर जिले के निवासी बेरोजगार सुनील कुमार का कहना है कि उसने फरवरी 2021 में आवेदन किया था। लेकिन अभी तक फार्म की जांच भी नहीं हुई है। दो बार विभाग के कार्यालय में सम्पर्क भी किया ऑनलाइन स्टेट्ट चैक करने का तर्क दिया। इसी तरह सीकर की शिक्षा कुमारी, परवेन्द्र कुमार का कहना है कि आवेदन फार्म भरे हुए चार महीने हो गए लेकिन भत्ता मिलना शुरू नहीं हुआ।
केस दो: अचानक बंद कर दिया भत्ताझुंझुनूं, चूरू व नागौर जिले के 250 से ज्यादा अभ्यर्थियों ने पिछले दिनों रोजगार कार्यालय के मुख्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका अचानक भत्ता बंद कर दिया गया। विभाग ने तर्क दिया कि सालाना पात्र अभ्यर्थियों में बदलाव किया जाता है। इस वजह से ऐसा हुआ है।
तो परीक्षा में पास होने वालों को ही भत्तासरकार की ओर से प्रशिक्षण की कवायद शुरू होने के बाद तीन महीने का प्रशिक्षण पूरा करने वाले बेरोजगारों को ही भत्ता दिया जाएगा। इस व्यवस्था पर भी बेरोजगारों की ओर से सवाल उठाए जा रहे हैं। बेरोजगारों का कहना है कि आवेदन के साथ भत्ता मिलना शुरू होना चाहिए। वहीं बेरोजगार संगठनों की ओर से भत्ते की राशि को बढ़ाकर छह हजार रुपए व दस लाख युवाओं को इसके दायरे में लाने की मांग भी की जा रही है।
जयपुर: 153676सीकर: 121456अजमेर: 39469अलवर: 103841बासवाड़ा: 29174बांरा: 29138बाड़मेर: 21229भरतपुर: 66931भीलवाड़ा: 28146बीकानेर: 36869बूंदी: 29890चित्तौडगढ़: 17404चूरू: 61726दौसा: 66224धौलपुर: 25621डूंगरपुर: 20285श्रीगंगानगर: 48860हनुमानगढ़: 55029जैसलमेर: 6888जालौर: 18540झालावाड़: 28797झुंझुनूं: 88475जोधपुर: 55425करौली: 42029कोटा: 43969नागौर: 70985पाली: 29818प्रतापगढ़: 11369राजसमंद: 12391सवाईमाधोपुर: 38122सिरोही: 15523टोंक: 35539उदयपुर: 29040(विभिन्न संस्थाओं के सर्वे के आधार पर शिक्षित बेरोजगारों की संख्या)
सरकार का दावा: ढ़ाई साल में बांटे 800 करोड़रोजगार विभाग का दावा है कि प्रदेश में बेरोजगारों को भत्ते के लिए पंजीयन कराया जाता है। आवेदन फार्म के सत्यापन के बाद भत्ता शुरू किया जाता है। एक समय में 1.50 लाख बेरोजगारों को भत्ता दिए जाने का प्रावधान है। विभगा का दावा है कि पिछले ढ़ाई साल में प्रदेश के बेरोजगारों को 800 करोड़ रुपए की राशि भत्ते के तौर पर दी गई है।
इनका कहना हैसीकर जिले के लगभग 13 हजार बेरोजगारों को फिलहाल भत्ता मिल रहा है। बेरोजगारों को भत्ते से पहले कौशल विकास केन्द्रों के जरिए प्रशिक्षण दिलाने की घोषणा बजट में हुई थी। लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह अभी शुरू नहीं हो सकी है। अगले महीने तक यह योजना शुरू होने की संभावना है।राकेश चौधरी, जिला रोजगार अधिकारी, सीकर
बेरोजगारों को गुमराह कर सत्ता हासिल की: भाजपाकांग्रेस ने बेरोजगारों को गुमराह कर प्रदेश में सत्ता हासिल कर ली। पंजीकृत बेरोजगारों को सरकार भत्ता नहीं दे पा रही है। जबकि कांगे्रस नेता राहुल गांधी राजस्थान की रैलियों में घोषणा करके गए थे। बजट में सरकार ने बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक यह सपना भी अधूरा है।कमल सिखवाल, भाजपा
सरकार की पहली प्राथमिकता कोरोना प्रबंधन: कांग्रेससरकार की पहली प्राथमिकता फिलहाल कोरोना प्रबंधन है। कोरोना की वजह से बेरोजगारों को समय पर प्रशिक्षण दिलाने की योजना शुरू नहीं हो सकी। जल्द इस संबंध में सरकार को युवाओं की पीड़ा से भी अवगत कराएंगे। सरकार की ओर से ढ़ाई साल में 780 करोड़ से ज्यादा का बजट बेरोजगारों को दिया जा चुका है।दिनेश झीगर, अध्यक्ष, यूथ कांग्रेस
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