सीकर. सोशल मीडिया व कोरोनाकाल के इस दौर में फरियादियों के शिकायत करने का तरीका भी पूरी तरह हाईटेक हो गया है। एक साल में राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर 248 विभाग, बोर्ड, आयोग सहित अन्य संस्थाओं की 18 लाख से अधिक शिकायतें दर्ज हुई। जबकि इससे पिछले साल इस तरह की ऑनलाइन शिकायतों का आंकड़ा 11 लाख तक ही सीमित था। प्रदेश की जनता ने ऑनलाइन पोर्टल को शिकायत का बड़ा हथियार बना लिया है। पहले प्रदेश के सभी जिलों में ज्ञापन, चि_ी व ई-मेल के जरिए रोजाना 40 से 70 शिकायत दर्ज होती थी। अब जिलों में ऑफलाइन शिकायतों का रोजाना का आंकड़ा दस से 12 तक ही रह गया है। विभाग का दावा है कि 18 लाख में से 10 लाख से अधिक शिकायतों का निपटारा निश्चित समय सीमा में किया गया है। फिलहाल 6055 शिकायतें पोर्टल पर लंबित हैं।40 फीसदी को राहत, कई को टरकाया भी मोबाइल टॉवर की शिकायत दी, बोले- कोई स्कूल व मंदिर नहींपिपराली रोड इलाके के लोगों ने ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराई कि हमारे मौहल्ले में स्कूल व मंदिर आदि है। इसके बावजूद मोबाइल टॉवर लगा दिया गया। इससे बच्चों में रेडिएशन का खतरा बढ़ रहा है। इस पर विभाग ने जवाब दिया कि इलाके में कोई स्कूल व अस्पताल नहीं है। लोगों ने उत्तर पर आपत्ति दर्ज कराते हुए लिखा तो दुबारा जवाब आया कि टॉवर के 500 मीटर की परिधि को मानते हुए लिखा था। एक किलोमीटर में तो स्कूल है।राशन समय पर नहीं मिलता, डीलर की दबंगईधोद इलाके के दो परिवारों ने पिछले साल राशन डीलर की दबंगई से तंग आकर शिकायत दर्ज कराई थी। बताया कि राशन समय पर नहीं मिलता। डीलर को शिकायत देते हैं तो वह दादागिरी पर उतारू होते है। विभाग ने पहली जांच में डीलर को क्लीन चिट दे दी। जब अन्य शिकायत दर्ज कराई तो डीलर को समय पर राशन देने के लिए पाबंद किया गया।जानें क्यों बढ़ा ऑनलाइन शिकायतों का चलन केस- एक: पहले लगाने पड़ते चक्कर, अब घर बैठे जवाबसीकर निवासी ओमप्रकाश ने बताया कि खेल विभाग की विभिन्न शिकायतें पहले जिला कलक्टर को ज्ञापन के रूप में देते। बार- बार चक्कर लगाने पड़ते। छह महीने तक समाधान नहीं होता। अब सम्पर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना शुरू किया। अब तक नौ शिकायत दर्ज कराई इनमें से आठ का जवाब एक महीने के भीतर मिल गया।केस- दो: समय की बचत के साथ शिकायत की गोपनीयता भीधोद निवासी राकेश कुमार ने बताया कि गलत तरीके से वीसीआर भरने के मामले की निगम कार्यालय में शिकायत दर्ज कराते, लेकिन अफसर सुनवाई ही नहीं करते। कई बार उल्टा हमारे ही वीसीआर भरने की धमकी दी गई। फिर ऑनलाइन शिकायत करना शुरू किया। इससे समय की बचत के साथ गोपनीयता भी बनी रहती है।फैक्ट फाइल 1 अप्रेल 2020 से 31 मार्च 2021 तक दर्ज शिकायत: 18,60,847तय अवधि में समाधान: 10,12,886 तय अवधि के बाद समाधान: 8 लाख लंबित शिकायतें: 6055एक साल में किस विभाग की कितनी शिकायत दर्जखाद्य एवं नागरिक आपूर्ति: 65649सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता: 59918कौशल एवं आजीविका विकास निगम: 82604कोविड 19 में विभिन्न तरह की परेशानी: 273847सूचना एवं प्रौद्योगिकी: 14564जलदाय विभाग: 172580पंचायतीराज: 123698श्रम विभाग: 30046आबकारी: 11826कृषि: 16281स्वायत्त शासन: 90913चिकित्सा एवं स्वास्थ्य: 51987महिला एवं बाल विकास: 34557सार्वजनिक निर्माण : 21600अजमेर विद्युत निगम: 47203मनरेगा: 67965राजस्व: 88551शिक्षा: 9506कॉपरेटिव सोसायटी: 65698संस्कृत शिक्षा: 259राजसीको: 02राजस्थान साहित्य एकेडमी: 01
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